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क्रिकेट डिप्लोमेसी की पहली कामयाबी

२९ मार्च २०११

क्रिकेट डिप्लोमेसी के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच पहला बड़ा कदम उठाया गया है. पाकिस्तान ने भारत की टीम को मुंबई के आतंकवादी हमलों की जांच के लिए अपने यहां आने की इजाजत दे दी है.

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तस्वीर: AP

भारत और पाकिस्तान के गृह सचिवों की बैठक में इस बात पर फैसला हुआ. बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों ही देश आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में एकजुट हैं और ऐसी किसी घटना की जांच को अंजाम तक पहुंचाना चाहते हैं.

बैठक के बाद भारत के गृह सचिव गोपाल के पिल्लई ने कहा, "बैठक बहुत सकारात्मक रही. इससे हमारे बीच जो मतभेद बढ़े थे, उन्हें पाटने में मदद हुई है." बयान में नशीली दवाइयों की तस्करी पर रोक लगाने और वीजा नियमों को आसान करने तथा साइबर अपराध पर रोक लगाने पर भी समझौते हुए.

यह फैसला ऐसे वक्त में हुआ है, जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी भारत और पाकिस्तान के बीच वर्ल्ड कप क्रिकेट का सेमीफाइनल मैच देखने मोहाली आ रहे हैं. जानकारों का कहना है कि इस फैसले पर भी क्रिकेट डिप्लोमेसी का असर है. दोनों ही देश चाहते हैं कि मुंबई के आतंकवादी हमले के बाद से रुकी हुई बातचीत आगे बढ़े. भारत लंबे वक्त से मांग कर रहा था कि उसके जांच दल को पाकिस्तान जाकर तफ्तीश की इजाजत मिले.

अभी यह तय नहीं हुआ है कि भारत की टीम कब पाकिस्तान जाएगी. लेकिन चार छह हफ्ते में पाकिस्तान का एक दल भारत आने वाला है, जिसके बाद वह तारीख भी तय हो जाएगी. पाकिस्तान के पूर्व गृह सचिव तसनीम नूरानी ने भी इसे एक बड़ा कदम बताया है. उन्होंने कहा, "मैं समझता हूं कि मुंबई के आतंकवादी हमले की वजह से बड़ी रुकावट आई थी, जो अब दूर हो रही है."

26 नवंबर, 2008 को मुंबई में 10 आतंकवादियों ने हमला करके 166 लोगों की जान ले ली थी. बाद में पाकिस्तान ने माना कि इस हमले की साजिश का बड़ा हिस्सा उसकी धरती पर तैयार हुआ, जबकि हमले के बाद पकड़े गए इकलौते आतंकवादी के पाकिस्तानी नागरिक होने की पुष्टि हो चुकी है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

संपादनः आभा एम