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क्रिकेट में लाई डिटेक्टर टेस्ट का विरोध

२१ जुलाई २०११

दुनिया भर के क्रिकेट संघों ने खिलाड़ियों को झूठ पकड़ने वाली मशीन से गुजारने के प्रस्ताव को सीधे तौर पर खारिज कर दिया. एमसीसी ने भ्रष्टाचार रोकने के लिए ऐसी तरकीब सुझाई थी.

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तस्वीर: Fotolia/OutStyle

ऑस्ट्रेलिया के महान कप्तान रह चुके स्टीव वॉ इसी हफ्ते लाई डिटेक्टर टेस्ट से गुजरे थे और उन्होंने भी इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाने की कोशिश की. लंदन के मार्लीबोर्न क्रिकेट क्लब (एमसीसी) ऐसा चाहती है. लॉर्ड्स ग्राउंड इसी क्लब का हिस्सा है.

लेकिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर एसोसिएशन संघ (फीका) ने कहा है कि यह टेस्टिंग गैरजिम्मेदाराना होगी और वह हर तरह से इस प्रस्ताव का विरोध करेगा. फीका के चीफ एग्जिक्यूटिव टिम मे ने कहा, "फीका का कड़ा रुख है कि भ्रष्टाचार या ऐसे किसी मामले में किसी क्रिकेटर की भागीदारी जांचने के उद्देश्य से लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने के प्रस्ताव को हम सीधे तौर पर खारिज करते हैं." उन्होंने कहा, "मैं एमसीसी और स्टीव वॉ का शुक्रिया अदा करता हूं कि उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ सकारात्मक कदम उठाया है लेकिन लाई डिटेक्टर टेस्ट दोषरहित नहीं हैं और इसके आधार पर अदालत में भी किसी व्यक्ति को दोषी या निर्दोष नहीं ठहराया जा सकता है. इसलिए हम इस बात को पूरी तरह से अस्वीकार करते हैं कि किसी खिलाड़ी को लाई डिटेक्टर टेस्ट के लिए कहा जाए."

Steve Waugh, Kapitän der australischen Cricketmannschaft
तस्वीर: AP

फीका का कहना है कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ कृतसंकल्प है लेकिन ऐसी किसी तकनीक का समर्थन नहीं कर सकता है जिससे असत्य नतीजे आने की संभावना हो. मे ने कहा है कि वह एमसीसी से अनुरोध करता है कि वह इस मामले को जिम्मेदारी के साथ आगे बढ़ाए.

ब्रिटेन के पूर्व अखबार न्यूज ऑफ द वर्ल्ड ने पिछले साल पाकिस्तान क्रिकेट में भ्रष्टाचार और मैच फिक्सिंग का भंडाफोड़ किया था. उस वक्त के टेस्ट कप्तान सलमान बट और दो तेज गेंदबाज मोहम्मद आसिफ और मोहम्मद आमिर पर पैसे लेकर तय वक्त पर नो बॉल डालने का आरोप साबित हुआ. इसके बाद उन पर लंबी पाबंदियां लगा दी गई हैं और ब्रिटेन में तीनों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा भी चल रहा है. इसी कांड के बाद ऑस्ट्रेलिया के स्टीव वॉ ने अपनी पहल पर लाई डिटेक्टर टेस्ट से गुजरने का फैसला किया

रिपोर्टः एएफपी/ए जमाल

संपादनः आभा एम

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