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खदान में फंसे खनिकों को मीडिया ट्रेनिंग

२२ सितम्बर २०१०

हफ्तों से चिली की खदान में फंसे 33 खनिक किसी सेलेब्रिटी से कम नहीं हैं. जिंदगी के लिए उनकी जंग ने दुनिया भर में उन्हें शोहरत दिला दी है. इन खनिकों को अब खास ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि वे इंटरव्यू देना सीखें.

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बाहर आने को बेकरारतस्वीर: AP

इन खनिकों की कहानी ने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया. जब सब लोग इनके जिंदा बचने की उम्मीद खो चुके थे, तब पता चला कि सभी खनिक जीवित हैं. वे दुनिया भर के मीडिया में छा गए. अब जब ये लोग बाहर निकलेंगे, तो सब उनकी कहानी सुनना चाहेंगे. इसीलिए उन्हें खास मीडिया ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि अखबार और टीवी चैनलों को ठीक से इंटरव्यू दे पाएं.

चिली के अधिकारियों का कहना है कि ये ट्रेनिंग इन खनिकों को मीडिया की आपाधापी से बेहतर तरीके से निपटने में मदद करेगी. इन लोगों की सेहत के मानसिक और भावनात्मक पहलुओं पर निगरानी रख रहे मनौवैज्ञानिक अबर्टो इतुरा बताते हैं कि सीसीटीवी के माध्यम से इन लोगों को ट्रेनिंग दी जाएगी. उन्हें बताया जाएगा कि इंटरव्यू के दौरान कैसे बैठना है, अगर कोई सवाल समझ में नहीं आया, तो इंटरव्यू करने वाले से कैसे सवाल दोहराने के लिए कहना है और अगर किसी सवाल का जवाब नहीं देना चाहते हैं तो विनम्रता से कैसे मना करना है.

Minenunglück in Chile
खदान पर डेरा डाले हुए हैं खनिकों के रिश्तेदारतस्वीर: DW

इतुरा कहते हैं कि खनिकों को इस बात का अहसास है कि उनकी दास्तान कितनी बड़ी और हैरान कर देने वाली है. उनका कहना है, "वे इस बारे में बहुत उत्साहित हैं. कुछ खनिक तो अपने अनुभवों पर किताब लिखने की भी सोच रहे हैं."

चिली के 32 और बोलिविया का एक खनिक 5 अगस्त से जमीन के 600 फीट नीचे फंसे हैं. उन्हें निकालने के लिए प्रयास हो रहे हैं, लेकिन अभी कुछ समय और लगेगा. ये लोग जमीन के नीचे सबसे लंबे समय तक जीवित रहने का रिकॉर्ड बना चुके हैं, उन्हें तीन आपूर्ति छेदों के माध्यम से खाना, पानी, दवाएं और मनोरंजन के साधन मुहैया कराए जा रहे हैं. खनिकों के परिवारजन खदान के पास ही डेरा जमाए बैठे हैं और अपनों के निकलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एन रंजन

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