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"खबरदार, जो तासीर की हत्या का विरोध किया"

५ जनवरी २०११

पाकिस्तान में लगभग पांच सौ उदारवादी धार्मिक बुद्धिजीवियों ने खबरदार किया है कि जो भी पंजाब के गवर्नर सलमान तासीर की हत्या का विरोध करेगा, उसकी जान को भी खतरा हो सकता है. तासीर ईशनिंदा कानून के विरोधी थे.

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तस्वीर: AP

राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के नजदीकी समझे जाने वाले तासीर एक उदारवादी राजनेता थे. संघीय सरकार में उनकी सीधे तौर पर कोई भूमिका नहीं थी लेकिन राजधानी इस्लामाबाद में एक शॉपिंग सेंटर के बाहर खुले आम उनकी हत्या से साफ हो गया है कि पाकिस्तान सरकार देश को स्थिर बनाने में सक्षम नहीं है. तासीर की मंगलवार को उन्हीं एक सुरक्षा गार्ड ने गोलियां बरसा कर हत्या कर दी. बताया जाता है कि ईशनिंदा कानून का विरोध करने के लिए तासीर की हत्या की गई.

मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि धार्मिक कट्टरपंथी संगठन और लोग भी अकसर अपने हितों को साधने के लिए इस कानून का दुरुपयोग करते हैं. लेकिन 95 प्रतिशत से ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले देश पाकिस्तान में इस कानून को व्यापक समर्थन प्राप्त है. तासीर इसके आलोचकों में शामिल थे.

जमात-ए-अहल-ए-सुन्नत पाकिस्तान के ऐसे बुद्धिजीवियों का समूह है जो तालिबानी उग्रवादियों का विरोध करते हैं. तालिबानी लड़ाके देश की सरकार और अमेरिका के खिलाफ अपने विरोध को हिंसक तरीके से जाहिर करते रहे हैं. जमात-ए-अहल-ए-सुन्नत उदारवादी बरेलवी सुन्नी मुस्लिम समुदाय के उदारवादी बुद्धिजीवियों का सबसे बड़ा संगठन है. लेकिन वह ईशनिंदा कानून के समर्थन में विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व करता रहा है. इससे पता चलता है कि पाकिस्तान सरकार को धार्मिक चरमपंथियों पर कार्रवाई के लिए राजी करना अमेरिका के लिए कितना मुश्किल है.

इस संगठन के एक बयान में कहा गया है, "जमात-ए-अहल-ए-सुन्नत के 500 से ज्यादा बुद्धिजीवियों ने लोगों को सलाह दी है कि पंजाब प्रांत के गवर्नर की नमाज-ए-जनाजा में हिस्सा न लें. साथ ही तासीर के साथ किसी तरह की सहानुभूति या उनकी हत्या पर दुख जताने की भी जरूरत नहीं है क्योंकि जो लोग पैगंबर मोहम्मद की निंदा का समर्थन करते हैं वे भी ईशनिंदा में शामिल हैं."

तासीर की हत्या ने पाकिस्तान में राजनीतिक संकट को और गहरा दिया है. तासीर की हत्या सत्ताधारी गठबंधन से एमक्यूएम के समर्थन वापल ले लेने के दो दिन बाद हुई. एमक्यूएम के फैसले से प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी की सरकार अल्पमत में आ गई है.

ईशनिंदा कानून नवंबर में उस वक्त सुर्खियों में आया जब एक अदालत ने ईसाई महिला आसिया बीबी को मौत की सज़ा सुनाई. उस पर इस्लाम का अपमान करने का आरोप है. पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मलिक ने कहा है कि तासीर की हत्या करने वाले सुरक्षा गार्ड मलिक मुमताज हुसैन कादरी ने अपना जुर्म कबूल लिया है और उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. पाकिस्तान के दुनिया टीवी पर प्रसारित कादरी के बयान के मुताबिक, "सलमान तासीर ने इस्लाम का अपमान किया और ऐसे लोगों की यही सजा मिलनी चाहिए."

धार्मिक नेताओं के समूह ने तासीर के हत्यारे की तारीफ की और कहा कि उसकी वजह से दुनिया भर के मुसलमानों का सिर ऊंचा हुआ है. बयान के मुताबिक ईशनिंदा कानून का विरोध करने वाले तथाकथित बुद्धिजीवी, मंत्री, राजनेता और टीवी एंकर तासीर की हत्या से सबक लें.

जिस अस्पताल में तासीर को ले जाया गया, उसके प्रवक्ता का कहना है कि गवर्नर को छह फीट की दूरी से 14 गोलियां मारी गईं. तासीर आसिया बीबी की रिहाई के लिए मुहिम चला रहे थे और उससे मिलने जेल में भी गए.

रिपोर्टः एजेंसियां ए कुमार

संपादनः एन रंजन