खर्चों में कटौती और करों में वृद्धि ग्रीस का भविष्य
२१ सितम्बर २०११बुधवार को ग्रीस की कैबिनेट सार्वजनिक क्षेत्रों में कटौती करने, खर्चे कम करने और करों में बढ़ोत्तरी के बारे में फैसला करने वाली है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय से राहत पैकेज की किस्तें पाने के लिए ग्रीस को यह कदम उठाना जरूरी है.
ग्रीस कर्ज में डूबे यूरो जोन के देशों की पहली कतार में खड़ा है. उसके बाद पुर्तगाल, आयरलैंड और अब इटली, स्पेन की हालत डगमग है. इस स्थिति के चलते सबसे ज्यादा संकट फ्रांस और जर्मनी की बड़ी बैंकों को है.
अधिकारियों ने कहा है कि यूरोपीय सरकारें बहुत चिंता से उन बैंकों की पूंजी बढ़ाने के बारे में सोच रही हैं जो इस संकट के कारण बुरी तरह घिर गए हैं. पिछले महीने ही अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने तुरंत कार्रवाई करने की चेतावनी दी थी.
यूरोप के वित्तीय संकट के कारण दुनिया भर में एक और मंदी आने का डर लगातार बना हुआ है और इसी पर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और वर्ल्ड बैंक के जी20 देशों की बैठक में चर्चा होगी.
ग्रीक सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि यूरोपीय संघ और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के अधिकारियों के साथ बातचीत में तय हुए सुधारों की घोषणा विशेष केबिनेट सत्र के दौरान होगी. वित्त मंत्री इवांगेलोस वेनिजिलोस ने माना कि ईयू और आईएमएफ के पर्यवेक्षकों की निगरानी के बगैर ग्रीस का राजकोषीय तंत्र पटरी से उतर सकता था. लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि यूरोपीय संघ कर्ज संकट से प्रभावी तरीके से उबरने में नाकाम रहा इसलिए अब ग्रीस को ब्लैकमेल किया जा रहा है. "क्या हमें अतिरिक्त उपाय करने की जरूरत है.. हां है. अगर हम ट्रोकिया के कंट्रोल में नहीं होते तो हमारी राजकोषीय स्थिति खराब हो सकती थी." ट्रोकिया यूरोपीय संघ, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और यूरोपीय केंद्रीय बैंक के अधिकारियों का एक ग्रुप है.
मंगलवार को ईयू, आईएमएफ और यूरोपीय सेंट्रल बैंक के अधिकारियों की ग्रीस के वित्त मंत्री से बात हुई.
वक्त की जरूरत
समझौता पूरा करने के लिए जरूरी हस्ताक्षरों के साथ यूरोपीय आयोग ने घोषणा की कि ट्रोकिया मिशन के प्रमुख अगले सप्ताह में अपनी तिमाही समीक्षा करेंगे.
ग्रीक मीडिया ने आशंका जताई है कि भारी कटौती के तहत सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से निकाले जाने, पेंशन में कमी और सरकारी नौकरों की तनख्वाह में कटौती की जा सकती है. सरकार ने कहा है कि वह तुरंत तीन हजार सरकारी कर्मचारियों लेबर रिजर्व में रखेगी. ये लोग एक साल के लिए 60 प्रतिशत तनख्वाह ले सकेंगे और इस दौरान दूसरी नौकरी की तलाश करेंगे. बाकी के 20 हजार को अगली बार रिजर्व में रखा जाएगा, जिन्हें 12 महीने में कोई नौकरी नहीं मिलेगी. उन्हें निकाल दिया जाएगा. सरकार का कहना है कि सरकारी कर्मचारियों को रिजर्व में रखने पर हर साल हर कर्मचारी के हिसाब से 12 हजार यूरो बचेंगे.
ग्रीस के सामने चुनौती है कि वह 2015 तक सरकारी कर्मचारियों की संख्या डेढ़ लाख से कम करे. ट्रोकिया चाहता है कि यह काम तेजी से होना चाहिए.
बैंकों का पूंजीकरण
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के मुख्य अर्थशास्त्री ओलिवियर ब्लांचर्ड कहते हैं कि यूरोपीय देश विचार कर रहे हैं कि यूरोप में बैंकों की पूंजी को बढ़ाने की जरूरत है ताकि कर्ज संकट से होने वाले नुकसान से उन्हें बचाया जा सके.
अगर बैंकों की पूंजी कम पड़ती है तो सरकार बीच बचाव करेगी हालांकि राष्ट्रीयकरण की संभावना बहुत ज्यादा नहीं है. ब्लांचर्ड ने कहा कि इस सप्ताहांत पोलैंड में हुई बैठक में उन्होंने बदलाव महसूस किया. "यूरोपीय देशों में से अधिकतर में समस्या है. मुझे लगा जैसे कि कई देशों में स्थिति बिलकुल बदल गई है."
जर्मनी की दूसरी सबसे बड़ी कर्जदाता बैंक कॉमर्त्सबांक ने कहा कि इस साल कर्ज संकट के कारण उनके सालाना फायदे पर फर्क पड़ा है. "अगस्त कई बैंकों के लिए अच्छा नहीं रहा."
बैंकों की चिंताओं, ग्रीस में बढ़ते असंतोष और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के दबाव के बीच समाचार आया है कि ग्रीस के प्रधानमंत्री गियोर्गियोस पापान्द्रेऊ अगले मंगलवार जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल से बातचीत करने बर्लिन आ रहे हैं. पापान्द्रेऊ जर्मन उद्योग महासंग के निमंत्रण पर उद्योग दिवस के मौके पर आएंगे.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम
संपादनः ए कुमार