खिलाड़ियों पर पाबंदी से अकरम सन्न
११ मार्च २०१०पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने ऑस्ट्रेलिया में ख़राब प्रदर्शन की जांच के लिए जो कमेटी बनाई थी, अकरम ख़ुद उसके सदस्य थे. लेकिन वह किसी बैठक में शामिल नहीं हुए. उन्होंने कहा कि मोहम्मद यूसुफ़ और यूनुस ख़ान पर पाबंदी शर्मनाक है. उन्होंने कहा, "इन पाबंदियों से हर कोई पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की खिल्ली उड़ा रहा है. ऐसे मुद्दों पर आप खिलाड़ियों पर प्रतिबंध नहीं लगाते. अगर मैं बैठकों में शामिल होता तो मैं कहता कि आप बेशक जुर्माना लगा दो लेकिन पाबंदी मत लगाओ."
कभी स्विंग के शहंशाह कहे जाने वाले अकरम ने कहा, "पाकिस्तान क्रिकेट संकट में है. हम पहले से ही सुरक्षा कारणों से पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेल रहे हैं. अब इस मुद्दे से संकट और बढ़ेगा. दुनिया का कोई भी बोर्ड अपने क्रिकेटरों से उनकी रोज़ी रोटी नहीं छीन सकता. अगर टीम में दिक्कत थी, तो कप्तान मोहम्मद यूसुफ़, बोर्ड प्रमुख एजाज़ बट और दूसरे लोगों को मिल कर सुलझाना चाहिए था."
अकरम का मानना है कि यूसुफ़ और यूनुस दोनों की टेस्ट और वनडे टीम में जगह बनती है और इस फ़ैसले से पाकिस्तान को वर्ल्ड कप में तगड़ा झटका लग सकता है. ऐसे में बोर्ड को अपने फ़ैसले पर दोबारा विचार करना चाहिए.
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने हाल के सालों का सबसे सख़्त क़दम उठाते हुए अपने दो सबसे सीनियर बल्लेबाज़ों मोहम्मद यूसुफ़ और यूनुस ख़ान पर अनिश्चितकाल के लिए प्रतिबंध लगा दिया, जबकि राना नावेद और शोएब मलिक पर एक एक साल की पाबंदी लगा दी गई. तीन और खिलाड़ियों पर ज़बरदस्त आर्थिक जुर्माना ठोंका गया है. पाकिस्तान ट्वेन्टी 20 वर्ल्ड कप का मौजूदा चैंपियन है और अगले महीने वर्ल्ड कप होना है.
इस बीच, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष एजाज़ बट ने सात खिलाड़ियों को दी गई सज़ा को जायज़ ठहराया और कहा कि टीम से अनुशासनहीनता निकालने के लिए ऐसा किया जाना ज़रूरी था. बट ने कहा, "मुझे कोई अफ़सोस नहीं है. मैं समझता हूं कि बोर्ड ने सही फ़ैसला किया है और पाकिस्तान क्रिकेट को सही रास्ते पर लाने के लिए ऐसे क़दम उठाने ज़रूरी थे."
रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल
संपादनः ए कुमार