खेल तैयारियों में 'घोटाले' के तार ब्रिटेन तक
३१ जुलाई २०१०भारत में टेलीविजन चैनलों के मुताबिक एक ब्रिटिश बैंक के सहारे एएम फिल्मस कंपनी को साढ़े चार लाख पाउंड (करीब 3 करोड़ रुपये) दिए गए. रिपोर्टों के मुताबिक कंपनी में एक ही व्यक्ति का दबदबा है. टाइम्स नाओ न्यूज चैनल के पास ऐसे दस्तावेज हैं जिससे इस कथित घोटाले का पर्दाफाश हुआ है.
लंदन में पिछले साल अक्तूबर में क्वीन्स बैटन रिले समारोह के दौरान ब्रिटेन की इस कंपनी ने जो सेवाएं मुहैया कराई उसके बदले उसे रकम का भुगतान किया था. लेकिन ब्रिटेन के राजस्व और कस्टम विभाग ने भारतीय उच्चायोग को एक पत्र लिख कर बताया है कि आयोजन समिति की ओर से भुगतान होने की प्रक्रिया में कई गलतियां हैं.
ब्रिटेन का कहना है कि आयोजन समिति की ओर से एएम फिल्मस को ढाई लाख पाउंड के अलावा हर महीने करीब 25 हजार पाउंड (17 लाख रुपये) दिए गए. यानी कुल रकम लगभग साढ़े चार लाख पाउंड बैठती है. यह मामला तब सामने आया जब आयोजन समिति ने ब्रिटिश कंपनी को किए भुगतान की रकम से वैल्यू एडेड टैक्स (वैट) वापस लेना चाहा.
ब्रिटेन के राजस्व और कस्टम विभाग का कहना है कि आयोजन समिति और एएम फिल्मस के बीच कोई लिखित कॉन्ट्रैक्ट नहीं हुआ है और अन्य जरूरी प्रक्रियाओं का भी पालन नहीं किया गया है. कॉन्ट्रैक्ट से संबंधित कागजात भी नहीं है. लेकिन आयोजन समिति इन आरोपों का खंडन किया है और उसका कहना है कि भुगतान के दौरान पूरी पारदर्शिता बरती गई है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक आयोजन समिति ने वीडियो साजोसामान की खरीद के लिए कंपनी को करीब ढाई लाख पाउंड (1 करोड़ 81 लाख रुपये) का भुगतान किया है. वहीं एएम फिल्मस का कहना है कि उसने कार किराए पर लेने, कामचलाऊ टॉयलेट बनाने, बैरियर देने और अन्य सेवाएं मुहैया कराई हैं. भुगतान की सही वजह साफ नहीं होने की वजह से संदेह गहरा हुआ.
भारतीय उच्चायोग ने कहा है कि ब्रिटेन सरकार से मिली जानकारी को खेल मंत्रालय को बढ़ा दिया गया है. "ब्रिटेन ने एएम फिल्मस से संबंधित कुछ जानकारी हमें बढ़ाई थी जिसे हमने खेल मंत्रालय तक पहुंचा दिया है. अब भारत सरकार इस मामले को देख रही है."
दिल्ली में कैबिनेट सचिव केएम चन्द्रशेखर ने इन आरोपों पर और खेल तैयारियों में हो रही देरी पर चिंता जाहिर की है. केंद्रीय सतर्कता आयोग भी खेल तैयारियों से जुड़े काम में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रहा है. इस सिलसिले में टेंडर सहित कई अन्य प्रक्रियाओं की फिर से जांच की जाएगी.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ओ सिंह