खेल सकेंगी पुरुष हारमोन वाली महिला खिलाड़ी
१३ अप्रैल २०११इंटरनेशनल असोसिएशन ऑफ एथलेटिक्स फेडरेशन (आईएएएफ) के दिशा निर्देशों के आधार पर फैसला होगा कि पुरुष हारमोन ज्यादा होने पर कोई महिला खिलाड़ी किसी खास खेल में हिस्सा ले पाएगी या नहीं.
एथलीटों के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रशासन संभालने वाली आईएएएफ ने एक बयान जारी कर कहा कि ये दिशा निर्देश 18 महीने अध्ययन करने के बाद तैयार किए गए हैं. इन्हें तैयार करने वाले विशेषज्ञों ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के मेडिकल आयोग के साथ मिलकर काम किया.
क्या है विवाद
पुरुषों में एंड्रोजन हारमोन होते हैं जो असल में उन्हें शारीरिक रूप से महिलाओं से ज्यादा ताकतवर बनाते हैं. यही वजह है कि महिला और पुरुष अलग अलग वर्गों में प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेते हैं.
800 मीटर में वर्ल्ड चैंपियन दक्षिण अफ्रीका की कास्टर सेमेन्या के मामले पर विवाद के बाद महिलाओं में पुरुष हारमोन्स का मुद्दा काफी गर्म रहा है. सेमेन्या के टेस्ट के नतीजे अगस्त 2009 में आए. उसके बाद उन पर प्रतिबंध लगा दिया गया. पिछले साल जुलाई में आईएएएफ ने उन्हें दोबारा खेलने की इजाजत दी.
अब क्या होगा
दक्षिण कोरिया के दाएगु में हुई आईएएएफ की बैठक में परिषद ने कहा कि पुरुष हारमोन वाली महिला खिलाड़ी भी प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले सकती हैं, बशर्ते उनके अंदर हारमोन का स्तर पुरुषों के सामान्य स्तर से कम हो. यह तय करना होगा कि उस खिलाड़ी को हारमोन की वजह से किसी तरह का शारीरिक फायदा न मिल रहा हो.
आईएएएफ ने कहा है कि वह एक एक्सपर्ट पैनल बनाएगा जो हर मामले को अलग से जांचेगा. मेडिकल जांच के बाद तय किया जाएगा कि खिलाड़ी खेल सकती है या नहीं. यह मेडिकल जांच गोपनीय होगी.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः आभा एम