गद्दाफी लीबियाई वार्ता प्रक्रिया से बाहर रहने को तैयार
२६ जून २०११प्रिटोरिया में लीबिया में मध्यस्थता के लिए अफ्रीकी यूनियन के पैनल की बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया है, "लीबिया पर अफ्रीकी यूनियन का पैनल वार्ता की प्रक्रिया में शामिल न होने को कर्नल गद्दाफी द्वारा स्वीकार किए जाने का स्वागत करता है." पैनल में पांच अफ्रीकी देशों के राष्ट्रपति हैं.
अफ्रीकी यूनियन की शांति व सुरक्षा कमिश्नर रामांते लामाम्रा ने पत्रकारों के सामने विज्ञप्ति पढ़ी, लेकिन किसी सवाल का जवाब देने से इंकार कर दिया. मध्यस्थता समिति ने एक बार फिर लीबिया में फौरन युद्ध विराम की मांग की है. उन्होंने कहा है कि विवाद में शामिल दलों को राष्ट्रीय संवाद शुरू करना चाहिए जिसमें सहमेल और लोकतांत्रिक परिवर्तन का लक्ष्य भी शामिल होना चाहिए.ं
इसके पहले लीबिया के विद्रोहियों ने विवाद के समाधान के लिए गद्दाफी से तुरंत प्रस्ताव की मांग की थी. राष्ट्रीय अंतरिम परिषद के उपाध्यक्ष अब्देल हफीज गोगा ने कहा है कि उनकी जानकारी में इस समय एक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है.गोगा ने कहा कि विद्रोही उस पर गंभीरता से विचार करने के लिए तैयार हैं.
उधर दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जूमा ने लीबिया में नाटो के हमलों की कड़ी आलोचना की है और गद्दाफी को मारे जाने के खिलाफ चेतावनी दी है. नाटो और उसके साथियों की लगातार जारी बमबारी की आलोचना करते हुए जूमा ने कहा संयुक्त राष्ट्र का प्रस्ताव नागरिकों की सुरक्षा के लिए था. जूमा ने अफ्रीकी यूनियन के पैनल को संबोधित करते हुए कहा कि प्रस्ताव का इरादा शासन परिवर्तन या राजनीतिक हत्या की इजाजत देना नहीं था. मध्यस्थता के लिए दो बार लीबिया गए जूमा ने कहा है कि विवाद को लंबा नहीं खिंचने देना चाहिए क्योंकि वह पूरे इलाके को अस्थिर कर सकता है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: एम गोपालकृष्णन