गर्मियों में डूब रहे हैं रूसी
१९ जुलाई २०१०रूस में हर रोज दर्जनों लोग पानी में तैरने के लिए उतरने के बाद जान गंवा रहे हैं. इनमें से ज्यादातर नशे में चूर वे लोग हैं, जो भीषण गर्मी से पार पाने के लिए पहले वोडका और बाद में ठंडे पानी की शरण लेना चाहते हैं. लेकिन पानी में उतरने के बाद वे अपने होश खो बैठते हैं और तैर नहीं पाते हैं, बल्कि डूब जाते हैं.
रूस में इस साल पारा 37 डिग्री के पार पहुंच चुका है, जो हाल के सालों में रिकॉर्ड गर्मी दर्शाता है. इस दौरान रूस की राजधानी मॉस्को के आस पास लोगों को तालाबों और झीलों के पास जमा होते देखा जा सकता है. उनके साथ बच्चे भी होते हैं और हाथों में वोडका की बोतलें भीं. रूसी इमरजेंसी मंत्रालय के एक प्रवक्ता वादीम सेरियोगिन ने कहा, "रूस का इमरजेंसी मंत्रालय मौजूदा स्थिति को लेकर बेहद चिंतित है. पिछले दिन ही दो बच्चों सहित 49 लोग डूब गए हैं."
उन्होंने बताया कि सिर्फ जून के महीने में रूस में 1200 से ज्यादा लोगों की डूबने से मौत हो गई है, जबकि पांच से 12 जुलाई के बीच भी रूस में 233 लोगों को जान गंवानी पड़ी. मंत्रालय ने बताया, "मरने वाले ज्यादातर लोग जबरदस्त नशे में थे. बच्चों की मौत भी हुई क्योंकि उनके मां बाप ने ध्यान ही नहीं दिया." पिछले हफ्ते दक्षिण रूस के समर कैंप में छह बच्चों की मौत हो गई क्योंकि उनकी देख भाल करने वाले लोग नशे में होश खो बैठे थे.
मौसम विभाग का कहना है कि रूस में अभी गर्मी का प्रकोप जारी रहेगा. रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेद्वेदेव ने कहा है कि इस साल की गर्मियां खेती के लिए भी बेहद खराब साबित हो रही हैं. रूस में इस 130 साल के बाद सूखे की सबसे खराब स्थिति है.
सरकार ने 16 राज्यों में गर्मी की विभीषिका को देखते हुए इमरजेंसी लगा दी है, जबकि 17 जुलाई को होने वाले परंपरागत सैनिक कार्यक्रम को भी रद्द कर दिया गया. इस फेस्टिवल में घुड़सवार रूसी सैनिक अपने करतब दिखाते हैं. लेकिन गर्मी को देखते हुए उनकी सेहत खराब होने का खतरा था.
रिपोर्टः रॉयटर्स/ए जमाल
संपादनः उभ