गलत फैसलों का ठीकरा कलमाड़ी के सिर
२९ मई २०११कॉमनवेल्थ गेम्स आयोजन समिति के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं का आरोप है. खेल मंत्रालय को अपने जवाब में आयोजन समिति ने सारे आरोप सुरेश कलमाड़ी के माथे ही मढ़ दिए हैं. कमेटी का कहना है कि कलमाड़ी फैसले लेने में मोनोपॉली बरतते रहे हैं. कंपनियों को कॉन्ट्रैक्ट देने में उन्होंने नियमों की धज्जियां उड़ा दी.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक दिन पहले ही सभी एजेंसियों को आदेश दिया है कि शुंगलु कमेटी की रिपोर्ट पर उन्हें दो हफ्तों के भीतर कार्रवाई करनी है. आयोजन समिति के मुताबिक सरकारी अधिकारियों और निजी एजेंसियों को मुफ्त टिकट देने की वजह से राजस्व को 52 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. सूत्रों के मुताबिक आयोजन समिति ने एक हजार पन्नों में जवाब दिया है. शुंगलु रिपोर्ट में कहा गया है कि खर्च पूरा करने के लिए कलमाड़ी ने खेल का बजट 913 करोड़ रुपये बढ़ाकर पेश किया.
कॉमनवेल्थ गेम्स से पहले बीजिंग ओलंपिक में चीन की तैयारियों को देखने के लिए 161 लोगों को चीन ले जाया गया. समिति के मुताबिक इस यात्रा को टाला जा सकता था और इस कवायद पर बेकार पैसा खर्च किया गया. कॉमनवेल्थ गेम्स में गंभीर अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोपों को देखते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुंगलु समिति का गठन किया.
शुंगलु रिपोर्ट में कलमाड़ी में आरोप लगाते हुए कहा गया है कि इससे देश को वित्तीय नुकसान हुआ, खेलों की छवि को धक्का पहुंचा और देश की प्रतिष्ठा पर आंच आई. 534 पन्नों की रिपोर्ट प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सौंप दी गई है. कमेटी का कहना है कि सुरेश कलमाड़ी ने आयोजन समिति को एक क्लब की तरह संचालित किया, अपनी ताकत का दुरुपयोग किया और जिस किसी ने असहमति दर्ज कराने की कोशिश की, उसे निकाल बाहर किया. दिल्ली में 3 से 14 अक्तूबर तक कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन हुआ.
सुरेश कलमाड़ी को कॉमनवेल्थ आयोजन समिति से बर्खास्त किया गया और उन्हें बाद में गिरफ्तार कर लिया गया. तिहाड़ जेल में कलमाड़ी के साथ ललित भनोट, सुरजीत लाल और एएसवी प्रसाद भी बंद हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: उभ