गांधी पर लिखी किताब के बहिष्कार की मांग
३ अप्रैल २०११आरएसएस के आर परमेश्वरम ने कहा कि किताब में गांधीजी के सेक्स जीवन के बारे में गलत और बदनाम करने वाली बातें हैं. उनके मुताबिक यह किताब भारत के राष्ट्रीय हीरो पर लांछन लगाता है और सांस्कृतिक आतंकवाद का हिस्सा है.
उन्होंने कहा, "लेलीवेल्ड की किताब का सामाजिक तौर पर बहिष्कार होना चाहिए क्योंकि गांधीजी के सेक्स जीवन पर लगाए गए लांछन न सिर्फ गलत हैं, बल्कि खतरनाक भी हैं." भारतीय विचार केंद्रम के निदेशक परमेश्वरम का कहना है कि गांधीजी के दो हथियार थे, अहिंसा और सत्य. आरएसएस नेता का कहना है कि आत्मरक्षा के मामले में गांधीजी शायद अहिंसा से समझौता कर सकते थे लेकिन सत्य के साथ वह कभी समझौता नहीं कर सकते थे. लेलीवेल्ड की किताब ग्रेट सोलः महात्मा गांधी एंड हिज स्ट्रगल विद इंडिया में लिखा गया है कि गांधीजी समलैंगिक (बाइसेक्सुअल) भी थे.
परमेश्वरम ने कहा, "गांधीजी की जिन्दगी सत्य के साथ प्रयोग थी. अपनी आत्मकथा में उन्होंने अपनी कमजोरियों के बारे में जिक्र करने से परहेज नहीं किया है. अपने सेक्सुअल कमजोरियों के बारे में भी. अगर ऐसा है और लेलीवेल्ड की किताब में सच्चाई का एक अंश भी होता, तो गांधीजी ने अपनी आत्मकथा में इसका जिक्र जरूर किया होता."
उन्होंने कहा कि ऐसी किताबें चमकीले पुरस्कार पाने के लिए लिखी जाती हैं.
रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल
संपादनः ओ सिंह