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"गागर में सागर है मंथन"

३ अक्टूबर २०१२

डॉयचे वेले की दूरदर्शन पर प्रसारित श्रृंखला "मंथन" हमारे साथियों, पाठकों को पसंद आ रही है. कुछ पाठकों ने इस मैगजीन पर अपने विचार भेजे हैं, जिन्हें हम आप के साथ बांटना चाहते हैं.

https://p.dw.com/p/16JO5
तस्वीर: DW

विज्ञान मेरा पसंदीदा विषय है. मैं इंजीनीयरिंग कर रहा हूं. मैं 'मंथन' हर शनिवार को नियमित देखता हूं. यह बहुत ही अच्छा कार्यक्रम है. इसमें तमाम प्रकार के विज्ञान की जानकारी मिलती है और हां, विज्ञान के साथ जो आप पर्यावरण के बारे में भी जानकारी देते हैं, वह भी बहुत उपयोगी होती है. मुझे 'मंथन' बहुत ही पसंद है. मेरी आपसे विनती है कि आप इस कार्यक्रम के समय को 30 मिनट से बढ़ाकर 1 घंटा कर दे.

श्रीदत पटेल, अहमदाबाद, गुजरात

22.09.2012 का मंथन देखा, यूं तो इस कार्यक्रम में सभी चीजे ज्ञानवर्धक लगीं, पर जो जानकारी सबसे ज्यादा रोचक लगी और जिसे आपने सबसे अंत में दिखाया, वह था जर्मनी में कचरे को कैसे और कहां फैंका जाता है. हर तरह के कचरे के निष्पादन के लिए अलग तरह का कंटेनर. भाई वाह "मान गए जर्मनी". सच कहूं तो मुझे ये मेरे देश के लिए एक सपने जैसा लगता है. असल में हमारे देश में प्रदूषण फैलने का सबसे बड़ा कारण यही है. हमारे यहां कचरे का निष्पादन करने की कोई व्यवस्था ही नहीं. सारा कूड़ा कचरा आपको यहां वहां बिखरा पड़ा मिलेगा जो बरसात के पानी के साथ मिलकर नदियों और तालाबों को तो गंदा कर ही रहा है, साथ ही साथ पता नहीं कितने तरह के रसायनों का मिश्रण हमारे पीने के पानी और खेतों की फसलों को भी प्रभावित कर रहा है. साथ ही कुछ आवश्यकता से अधिक समझदार लोग इस कचरे को जलाकर वायुमंडल को भी प्रदूषित कर रहे है. आशा करता हूं कि आपका यह कार्यक्रम देख कर लोगों में कचरे के सही तरीके से निष्पादन के प्रति जागरूकता फैलेगी और आज जो सपना लग रहा है कल हकीकत बनेगा और कल हम भी साफ सफाई के लिए कह सकेगे, भाई वाह "मान गए भारत".

Quantum Computer
तस्वीर: Universität Wien

29.09.2012 के मंथन में देखा पवन उर्जा का इस्तेमाल भारत में हो तो रहा है पर इसमें कुछ तकनीकि खामिया है जिन्हें दूर किया जाना चाहिए. ये बहुत ज्यादा आवाज करते है और इसका इस्तेमाल भी बेहद कम जगहों पर होता है. स्वचालित वाहन एक बेहतरीन तोहफा होगा , अगर यह कामयाब होगा. पर इसके लिए सड़को की स्थिति में भी सुधार होनी चाहिए. स्वचालित वाहन वर्तमान में हमारे देश में कोरी कल्पना है क्योंकि हमारे देश में सड़कों की स्थिति ऐसी है कि कुशल से कुशल वाहन चालक की भी कसरत हो जाये. जापान के बुजुर्गो से सम्बंधित रिपोर्ट अच्छी लगी कि रोबोट अब बुजुर्गो का सहारा बनेंगें. क्वांटम कंप्यूटर निश्चित तौर पर भविष्य का ही कंप्यूटर है क्योंकि अभी हमारे पास आकड़ों को सुरक्षित तौर पर रखना और उसे दूसरी जगह पहुंचाना, ताकि उसका गलत इस्तेमाल न हो, ज्यादा जरुरी है. उम्मीद है क्वांटम कंप्यूटर भविष्य में तेज कंप्यूटर होने के साथ साथ सुरक्षित कंप्यूटर बनकर उभरेगा. कुल मिलाकर आपका आज का एपीसोड "गागर में सागर" था.

प्रशांत शर्मा, जमशेदपुर, झारखण्ड

संकलनः विनोद चड्ढा

संपादनः मानसी गोपालकृष्णन

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