गाड़ियों और कंटेनरों के साथ डूबा जहाज
2,000 नई गाड़ियां अटलांटिक महासागर की गहराई में समा गई हैं. ऊपरी सतह पर 2,200 टन तेल फैल गया है. फ्रांस और स्पेन के विशेषज्ञ गहरे समंदर में नुकसान को कम से कम करने की कोशिश कर रहे हैं.
बड़ा नुकसान
12 मार्च 2019 को इटली की मालवाहक जहाज ग्रांडे अमेरिका अटलांटिक महासागर में डूब गया. जर्मनी में स्पेन जा रहा जहाज फ्रांसीसी तट से करीब 300 किलोमीटर दूर डूबा. जहाज पर सवार सभी 27 क्रू मेम्बरों को बचा लिया गया. 2,000 नई गाड़ियों के साथ ही हानिकारक पदार्थों से भरे 45 कंटेनर भी समंदर में समा गए.
साढ़े चार किलोमीटर नीचे से रिसाव
कार्गो शिप का मलबा समंदर में 4,500 मीटर की गहराई में धंस गया है. लेकिन उससे अभी भी तेल लीक हो रहा है. तेल फ्रांस और स्पेन के तटीय इलाकों की तरह भी फैल सकता है. पर्यावरण के लिहाज से इसे बड़ा हादसा बताया जा रहा है.
महासागर में बैरियर
वक्त बीतने के साथ पानी पर फैली तेल की परत फैलती जाएगी. यह समुद्री जीवन का दम घोंटने लगेगी. फ्रांस और स्पेन के अधिकारी बूम कहे जाने वाले तैरते बैरियरों का इस्तेमाल कर रहे हैं. बैरियर का इस्तेमाल तेल के फैलाव को रोकने का पहला चरण है.
तेल की रिसाइक्लिंग
फैलाव को रोकने के बाद तेल को "स्किमर डिवाइसेज" से इकट्ठा किया जाएगा. तेल को ला रोसेल शहर लाया जाएगा और फिर उसे साफ कर दोबारा इस्तेमाल के लायक बनाया जाएगा.
दम तोड़ते जीव
तेल रिसाव का असर दिखने लगा है. अब तक दो समुद्री परिंदों के शव मिले हैं. यह बात पक्की है कि तेल की परत की वजह से जलीय जीव भी मारे गए होंगे. तेल की परत पानी में ऑक्सीजन के प्रवाह को बाधित करती है.
सख्त नियमों की मांग
समुद्र में जहाजों के डूबने से पर्यावरण पर बेहद बुरा असर पड़ता है. हर साल औसतन तीन-चार जहाज ऐसे हादसों का शिकार होते हैं. अब पर्यावरणविद समुद्री परिवहन के लिए पर्यावरण संबधी सख्त नियम बनाने की की मांग कर रहे हैं. (रिपोर्ट: इरेने बानोस रुइज/ओएसजे)