गृह युद्ध के कगार पर खड़ा है सीरिया: पुतिन
१ जून २०१२रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शुक्रवार दोपहर जर्मनी की राजधानी बर्लिन पहुंचे. चांसलर अंगेला मैर्केल ने पुतिन का सैन्य सम्मान के साथ स्वागत किया. दोनों की बैठक में सीरिया का मुद्दा अहम रहा.
मैर्केल के साथ बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि रूस बशर अल असद की मदद नहीं कर रहा है, "जिन लोगों को लगता है कि हम पक्षपात कर रहे हैं, वे गलत सोच रहे हैं." पुतिन ने कहा कि सीरिया में चल रहे संघर्ष में रूस किसी भी पक्ष का समर्थन नहीं कर रहा है.
सीरिया में पिछले एक साल से राष्ट्रपति बशर अल असद के खिलाफ चल रहे संघर्ष को लेकर जहां एक तरफ जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका एक जुट हो कर सीरिया की आलोचना करते रहे हैं, वहीं दमिश्क की सत्ता को चीन और रूस का समर्थन मिलता रहा है. रविवार को सीरियाई सेना द्वारा देश में किए गए नरसंहार के बाद चीन और रूस ने भी अपना समर्थन वापस ले लिया. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार हुला शहर में हुए इस नरसंहार में 108 लोगों की जान गई. मारे गए लोगों में कई महिलाएं और बच्चे भी हैं.
राजनैतिक समाधान
मैर्केल ने कहा कि जर्मनी और रूस मिल कर सीरिया के हालात का राजनैतिक समाधान ढूंढना चाहते हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा, "हम दोनों ने इस बात पर सहमति दिखाई है कि हम एक राजनीतिक समाधान चाहते हैं और अन्नान की योजना एक शुरुआत हो सकती है, लेकिन हमें अपने सारे साधनों के साथ काम करना होगा. खास तौर से हमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एकमत होने की जरूरत है, ताकि योजनाओं को अमल में लाया जा सके और जरूरत पड़ने पर अन्य राजनीतिक कदम भी उठाए जा सकें." जनसंहार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, "हुला में हुए नरसंहार ने एक बार फिर दिखा दिया है कि सीरिया में मानवाधिकारों को ले कर हालात कितने बुरे हैं."
खतरनाक हालात
पश्चिमी देश रूस पर आरोप लगाते रहे हैं कि वह असद सरकार की मदद कर रहा है. इस पर पुतिन ने कहा, "जहां तक हथियारों की आपूर्ति की बात है, रूस ऐसे हथियार उपलब्ध नहीं कराता जिनका नागरिकों के खिलाफ इस्तेमाल किया जाता हो." यह पूछे जाने पर कि क्या रूस सीरिया में सैन्य हस्तक्षेप करने के लिए तैयार है, पुतिन ने कहा, "आप बल से कुछ भी हासिल नहीं कर सकते." पुतिन ने कहा कि ऐसा करना सीरिया के लिए और भी नुकसानदायक होगा. देश में गृहयुद्ध की चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा, "आज हम देश में गृह युद्ध के हालात बनते हुए देख रहे हैं. यह बहुत खतरनाक है."
पुतिन ने कहा की इस मुद्दे को बातचीत से हल करना जरूरी है, "हमने इसी बारे में जर्मन चांसलर से चर्चा की, ताकि इन समस्याओं का राजनीतिक हल खोजा जा सके. क्या ऐसा किया जा सकता है या नहीं, कुल मिला कर मुझे इस बारे में लगता है कि ऐसा मुमकिन है." साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले पर जल्दबाजी नहीं की जा सकती, "इस मुद्दे को धैर्य के साथ पेशवर तरीके से सुलझाने की जरूरत है. आप यह उम्मीद नहीं कर सकते कि आप बल प्रयोग करेंगे और आपको फौरन मनचाहे नतीजे मिल जाएंगे."
तीसरी बार सत्ता में आने के बाद यह पुतिन का पहला यूरोप दौरा है. मैर्केल से मुलाकात के बाद पुतिन शुक्रवार शाम ही पैरिस जा रहे हैं, जहां वह नए फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांसोआ ओलांद से मिलेंगे.
आईबी/ओएसजे (एएफपी/रॉयटर्स)