ग्रीस की संसद में बचत पैकेज मंजूर
१३ फ़रवरी २०१२राजधानी एथेंस के बीचों बीच सिनेमा, कैफे और दुकानें इस बचत पैकेज के विरोध में आग के हवाले कर दी गईं. काले मास्क वाले प्रदर्शनकारी पुलिस से संसद के बाहर भिड़ पड़े. लोगों का गुस्सा उस बचत पैकेज के लिए है जिससे उनकी नौकरियां, आय और पेंशन कम हो जाएगी. लेकिन ग्रीस को बाजार में बने रहने के लिए 130 अरब यूरो की जरूरत है जो उसे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और यूरोपीय संघ से मिलने वाले हैं. ग्रीस की हालत एक तरफ खाई एक तरफ कुंआ जैसी है.
राष्ट्रीय टीवी ने पर्यटकों के पसंदीदा द्वीपों कोरफू और क्रेटे सहित उत्तरी थेसालोनिकी और मध्य ग्रीस के शहरों में हिंसा की खबर दी है. पुलिस ने बताया कि राजधानी में डेढ़ सौ दुकानों को लूट लिया गया और 34 इमारतों में आग लगा दी गई.
इससे पहले संसद में 300 में से 199 सांसदों ने बिल का समर्थन किया जबकि समाजवादी और रुढ़िवादी पार्टी के 43 सासंदों ने बिल का विरोध किया. इन्हें पार्टियों से निकाल दिया गया है. बिल के मंजूर होने के साथ एशियाई शेयर और यूरो ऊपर उठा.
बचत पैकेज के अनुसार न्यूनतम तनख्वाह में 22 फीसदी की कटौती की जाएगी. आलोचकों का कहना है कि इस पैकेज के कारण ग्रीस की अर्थव्यवस्था नीचे की ओर जाने वाले भंवर में फंस जाएगी.
लपटों में घिरी राजधानी
लोगों से शांति अपील करते हुए प्रधानमंत्री लुकास पापादेमोस ने कहा, "दंगे, हिंसा और विनाश की लोकतांत्रिक देश में कोई जगह नहीं है और इस बिलकुल स्वीकार नहीं किया जाएगा."
हालांकि उन्होंने यह भी माना कि पहले से कटौती में जी रहे ग्रीस के लिए यह बचत मुश्किल है. "इस कार्यक्रम को पूरी तरह, समय से और प्रभावी तरीके से लागू करना इतना आसान नहीं होगा. हम यह अच्छे से जानते हैं कि आर्थिक कार्यक्रम का मतलब है ग्रीस के लोगों को कुछ समय के लिए त्याग करना होगा."
ग्रीस को 20 मार्च से पहले अंतरराष्ट्रीय मदद की जरूरत है ताकि वह 14.5 अरब यूरो का कर्ज चुका सके.
पापादेमोस का बयान भले ही सही हो, लेकिन ग्रीस के लोगों में इस बचत पैकेज को लेकर रोष है और वह आगजनी, विरोध प्रदर्शनों के रूप में सामने आ रहा है. रुढ़िवादी पार्टी के सांसद ने कहा. "हमारे यहां विनाश हो रहा है. हमारा देश, घर जल रहे हैं. एथेंस का केंद्र लपटों में है. पॉपुलिज्म के कारण हम हमारे देश को जलने नहीं दे सकते."
ईयू की शर्तें
यूरोपीय संघ और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष आईएमएफ ने कहा है कि कई बार वादे तोड़े गए हैं. अब ग्रीस को राहत पैकेज तभी दिया जाएगा जब वहां सुधार लागू होंगे भले ही अप्रैल के चुनावों में कोई भी पार्टी जीत कर आए. जर्मनी के वित्त मंत्री वोल्फगांग शॉएब्ले ने कहा, "ग्रीस के वादे अब हमारे लिए काफी नहीं हैं. ग्रीस को प्रतिस्पर्धा के लिए अपना होमवर्क पूरा करना होगा. चाहे वो नए बचत पैकेज से हो या दूसरे तरीके से, जो हम नहीं चाहते."
यह पूछने पर कि दूसरा रास्ता क्या है शॉएब्ले ने कहा ग्रीस का यूरो जोन छोड़ना. "इसका मतलब होगा सब कुछ ग्रीस के हाथ में होगा. लेकिन ऐसा हो भी जाए, हमें नहीं लगता कि ऐसा होगा, लेकिन उस स्थिति में भी ग्रीस यूरोप का हिस्सा तो बना ही रहेगा."
नए बचत पैकेज में इस साल में ही 3.3 अरब यूरो की अतिरिक्त बचत की योजना है. इसमें ऐसे बॉन्ड्स भी हैं जिन्हें ग्रीस का कर्ज कम करने के लिए निजी निवेशकों को बेचा जा सकेगा.
रिपोर्टः रॉयटर्स, एएफपी/आभा एम
संपादनः ओ सिंह