'ग्रीस में यूरोपीय आयुक्त स्वीकार नहीं'
३० जनवरी २०१२यूरोपीय संघ की शिखर वार्ता में शामिल होने से पहले युंकर ने कहा, "मैं ग्रीस में आयुक्त बिठाने के विचार का भरपूर विरोध करता हूं. यह स्वीकार नहीं किया जा सकता."
यूरोपीय संघ के सदस्य देशों में बजट नियमन पर होने वाली शिखर वार्ता ग्रीस में यूरोपीय पर्यवेक्षक की तैनाती पर बहस में फंस गई है. इसके तहत यूरो जोन के वित्त मंत्री एक कमीश्नर बिठा सकते हैं जो ग्रीस के बजट पर वीटो कर सकता है. जर्मनी के अर्थव्यवस्था मंत्री फिलिप रोएसलर ने कहा, "हमें ज्यादा नेतृत्व और निगरानी की जरूरत है ताकि सुधार लागू किए जा सकें. अगर ग्रीस खुद ऐसा करने में विफल होता है, तो यह नेतृत्व और निगरानी बाहर से होनी चाहिए जैसे कि यूरोपीय संघ से."
स्वीडन के प्रधानमंत्री फ्रेडरिक राइनफेल्ड्ट ने हालांकि सतर्कता से जर्मनी को समर्थन दिया है. "ग्रीस सुधार नहीं कर पा रहा है, इसलिए हमें (जर्मन प्रस्ताव पर) बहस करनी पड़ रही है. मैं यह समझ सकता हूं."
उधर ग्रीस के कर्ज संकट की डील पर कोई समझौता नहीं हो पाने के कारण बाजार में यूरो मुद्रा को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है और इसकी कीमत छह सप्ताह में सबसे ज्यादा हो गई है.
प्रतियोगिता को बढ़ावा
यूरोपीय संघ प्रतियोगिता बढ़ाना चाहता है लेकिन राहत पैकेज के जरिए नहीं. वह क्षेत्रीय प्रतिस्पर्धा को बढ़ाना और संरचना का विकास करना चाहते हैं. जर्मनी के विदेश मंत्री गीडो वेस्टरवेले का कहते हैं, "मेरा मानना है कि यूरोपीय संघ की संरचना का विकास करने के लिए तय धन रास्ते पर खड़ी साइकिल के लिए लगाया जाना गलत है. इसे यूरोप के कमजोर देशों में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए उपयोग में लेना चाहिए." शिखर वार्ता में ईयू अध्यक्ष हरमान फान रॉम्पॉय ने जोर दिया है कि युवा बेरोजगारी कम करना और स्थानीय मार्केट को बढ़ावा देना जरूरी है साथ ही मध्यम और छोटे आकार के उद्योगों को सहायता देना भी.
हालांकि कई ऐसे भी मुद्दे हैं जो इन विषयों को पीछे छोड़ सकते हैं जिसमें यूरोपीय स्टेबिलिटी मैकेनिज्म अहम है. इतालवी प्रधानमंत्री मारियो मोंटी, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रमुख क्रिस्टीन लागार्द इस कोष को बढ़ाने की अपील कर रही हैं लेकिन जर्मनी यह नहीं चाहता. जर्मनी उधार की सीमा 500 अरब यूरो से ज्यादा नहीं करना चाहता. सिर्फ जर्मनी ही नहीं, ऑस्ट्रिया भी कर्ज की सीमा बढ़ाने के विरोध में है.
रिपोर्टः एएफपी, रॉयटर्स/आभा एम
संपादनः ए जमाल