ग्रीस में सरकार बनाने की उठापटक
८ मई २०१२सोमवार को राष्ट्रपति ने संसद की सबसे बड़ी पार्टी के नेता निया डेमोक्रासिया अंटोनिस समारास को सरकार बनाने को कहा लेकिन संभावित गठबंधन पार्टियों से पहली बातचीत के बाद ही उन्हें पता चल गया कि उनके नेतृत्व में सरकार बनाना आसान नहीं. अब रैडिकल लेफ्ट मोर्चे सिरिजा के प्रमुख अलेक्सिस सिपरास को भाग्य आजमाने के लिए कहा जाएगा. राष्ट्रपति कार्यालय के अधिकारियों ने कहा है कि संसदीय चुनावों में दूसरे स्थान पर आए वामपंथी मोर्चे के नेता को राष्ट्रपति मंगलवार को सरकार बनाने का न्यौता देंगे. उनके पास अपने नेतृत्व में गठबंधन बनाने के लिए तीन दिन का समय होगा.
समारास ने सोमवार को कुछ घंटों के प्रयास के बाद ही घुटने टेक दिए और राष्ट्रपति कारोलोस पापुलियास को कह दिया कि वे सरकार नहीं बना पाएंगे. बाद में समारास ने टेलीविजन में कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति का मतादेश वापस कर दिया है. सरकार बनाने के सिलसिले में उन्होंने सिपरास से मुलाकात की, लेकिन कर्ज के लिए भारी कटौतियों और टैक्स बढ़ाने का विरोध कर रहे सिपरास ने निया डेमोक्रासिया के साथ सरकार में जाने से इनकार कर दिया.
उन्होंने कहा कि सिरिजा की नीतियां समारास की नीतियों के विपरीत हैं. सिपरास ने कहा कि समारास ने बचत कार्यक्रम पर दस्तखत किए हैं, इसलिए उनके साथ सहयोग की कोई गुंजाइश नहीं है. रविवार को संसदीय चुनावों मे सिरिजा मोर्चे को 16.8 फीसदी मत मिले, जबकि पिछले चुनावों में उसे सिर्फ 4.6 फीसदी मत मिले थे.
समारास ने तीसरे स्थान पर आए पासोक पार्टी के इवांगेलोस वेनिजेलोस से भी मुलाकात की. लेकिन इसका भी कोई नतीजा नहीं निकला. मुलाकात के बाद वेनिजेलोस ने बताया कि उनकी पार्टी संसद में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है और वे इस बात को जरूरी मानते हैं कि कंजरवेटिव और दूसरी यूरोप समर्थक पार्टियां न्यूनतम कार्यक्रम पर सहमत हों, जिसका लक्ष्य यूरो जोन में बने रहना हो. वर्तमान संसद में बचत कार्यक्रम के समर्थकों को बहुमत में दो मतों की कमी है. कंजरवेटिव और पासोक पार्टी के 300 सदस्यों वाली संसद में 149 सीटें हैं. अगर वामपंथी मोर्चा का सरकार बनाने में नाकाम रहता है तो सरकार बनाने की जिम्मेदारी पासोक को दी जाएगी. यदि कोई भी पार्टी सरकार बनाने में विफल रहती है तो नए चुनाव होंगे.
जर्मनी के वित्त मंत्री वोल्फगांग शौएब्ले ने ग्रीस द्वारा दिए गए आश्वासनों को पूरा करने की वकालत की है. उन्होंने ग्रीस के चुनाव नतीजों पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि वित्तीय बाजारों का ग्रीस में भरोसा तभी वापस लौटेगा जब तय सुधारों पर अमल होगा.
एमजे/एजेए (डीपीए, रॉयटर्स)