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घायलों का कैंप बनी टीम इंडिया

१७ सितम्बर २०११

अति किसी चीज की अच्छी नहीं होती, यह कहावत इन दिनों भारतीय क्रिकेट टीम पर सटीक बैठ रही है. लगातार क्रिकेट खेलने से टीम का कचूमर निकल चुका है. कप्तान धोनी भी मान रहे हैं कि टीम घायलों के कैंप की तरह लग रही है.

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गंभीर हैं चोटिलतस्वीर: AP

इंग्लैंड दौरे में मिली शर्मनाक हार के लिए टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने चोटों को जिम्मेदार ठहराया है. टीम की इस दशा पर लाचारगी भरे अंदाज में कप्तान ने कहा, "मैंने बीते पांच सालों में इतनी चोटें नहीं देखीं. एक सत्र में 9 से 11 खिलाड़ियों को चोटिल देखना हैरान करने वाला है. आप पहले दो टेस्ट देखें तो हमारे पास सिर्फ तीन गेंदबाज थे. अगर आपकी गेंदबाजी कमजोर है तो बल्लेबाजी पर इसका दबाव पड़ता है. सिर्फ एक विभाग (बल्लेबाजी) पर निर्भर रह कर आप लगातार टीम को नहीं चला सकते."

भारतीय टीम ने 2011 की शुरुआत दक्षिण अफ्रीका दौरे से की. फरवरी के अंत से टीम वर्ल्ड कप में व्यस्त हो गई. वर्ल्ड कप जीतने के हफ्ते भर बाद सभी खिलाड़ी आईपीएल में झोंक दिए गए. आईपीएल खत्म होते ही टीम वेस्ट इंडीज रवाना हो गई, फिर वहां से इंग्लैंड. अब नतीजा सबके सामने है. बुरी तरह थकी हुई टेस्ट रैंकिंग में नबंर एक से फिसल कर तीसरे पायदान पर आ चुकी है. वनडे में सीरीज में मिली 4-0 की हार भी चिढ़ा रही है. बीसीसीआई के अधिकारी चुप हैं.

Indien Cricket WM 2011 Kapitän Chinnaswamy
तस्वीर: UNI

इसमें कोई शक नहीं है कि टेस्ट सीरीज में इंग्लैंड ने भारतीय टीम से अच्छा खेल दिखाया. लेकिन वनडे में ऐसा नहीं लगा. गौतम गंभीर, वीरेंद्र सहवाग, युवराज सिंह, सचिन तेंदुलकर, हरभजन सिंह और जहीर खान के बिना मैदान में उतरी टीम इंडिया ने वनडे में ठीक ठाक प्रदर्शन किया. 4-0 की हार के लिए काफी हद तक भाग्य भी जिम्मेदार रहा. पहला वनडे बारिश की भेंट चढ़ गया. दूसरा इंग्लैंड सात विकेट से जीता. लेकिन तीसरे, चौथे और पांचवें मैच में टीम इंडिया ने अच्छा खेल दिखाया पर टीम को बारिश और डकवर्थ लुइस नियम की मार झेलनी पड़ी. धोनी कहते हैं, "वनडे सीरीज में भाग्य भी हमारे साथ नहीं था." 

थकान भरे नौ महीनों के बावजूद भारतीय टीम के पास अब आराम करने के लिए 10-15 दिन का वक्त है. 14 अक्टूबर से इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज शुरू हो रही है. पांच मैचों की सीरीज का पहला वनडे हैदराबाद में खेला जाएगा.

यह बात तय है कि भारतीय टीम हिसाब चुकता करने के मूड से उतरेगी. लेकिन शांत रणनीतिकार की तरह योजनाएं बनाने वाले धोनी कहते हैं, "ऐसी सोच नहीं रखनी चाहिए. अगर आप बदले की भावना से उतरते हैं तो आप खुद पर पहले ही दबाव बना चुके होते हैं. अच्छा यही है कि आप बुनियादी बातों पर ध्यान दें."

कप्तान ने संकेत दिए हैं कि इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के लिए चोटिल खिलाड़ियों पर दांव नहीं लगाया जाएगा. टीम वीरेंद्र सहवाग, जहीर खान और गौतम गंभीर को लेकर ऐसा दांव खेल चुकी है जो हानिकारक साबित हुआ. साथ ही यह भी कहा है कि आगामी दौरे के लिए नौजवान और अनुभवी खिलाड़ियों की मिश्रित टीम तैयार की जाएगी.

रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह

संपादन: एन रंजन

 

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