1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

चांद पर चला चीन चकराया

२ अक्टूबर २०१०

चीन की ओर से चांद की खोज के लिए एक अत्यंत महत्वाकांक्षी योजना तैयार की गई है. लेकिन अचानक आई मुश्किलों के कारण ये अभियान सफल हो सकेगा या नहीं इस पर पहले ही सवाल खड़ा हो गया है.

https://p.dw.com/p/PSYv
तस्वीर: picture-alliance/dpa

चांद में पानी हो सकता है, लेकिन यह चीन की चांद यात्रा की योजना के लिए एक बुरी खबर है. सन 2013 में चीन की ओर से पहली बार चांद की यात्रा का एक अभियान होगा, और चांद की धरती पर एक टेलिस्कोप लगाया जाएगा.

Titan – Saturnmond Kohlenwasserstoff Atmosphäre
तस्वीर: NASA/JPL/University of Arizona

पिछले महीनें में वैज्ञानिकों ने घोषणा की कि चांद के व्यापक हिस्सों में उन्हें ओस के कण मिले हैं. धूप में यह पानी वाष्प में बदल जाता है, और फिर हाइड्रॉक्सील के अणुओं में उनका विघटन हो जाता है. रोम में यूरोपीयन प्लैनेटरी साइंस कांग्रेस की एक संगोष्ठी में चीन की विज्ञान अकादमी के झाओ हुआ ने बताया कि चांद के वातावरण में हाइड्रॉक्सील की मात्रा अधिक होने से उनके टेलिस्कोप के काम में बाधा पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि एक निश्चित पराबैंगनी वेव लेंथ पर हाइड्रॉक्सील के विकिरण सही चित्र नहीं मिल पाएंगे.

सन 2007 में चीन ने चांगे-1 नाम का अपना पहला चंद्रयान भेजा था, जिससे चांद की बारीक तस्वीरें मिली थी. अगला अभियान है चांगे-2, जिसके जरिए चांगे-3 के उतरने के लिए आवश्यक प्रयोग किए जाएंगे. चीन की योजना है कि चांद की धरती पर एक वेधशाला बनाई जाए.

चीनी टेलिस्कोप की समस्या के सामने आने के बाद वैज्ञानिकों के बीच यह विचार प्रबल होता जा रहा है कि ऐसे मामलों में रेडियो टेलिस्कोप का प्रयोग किया जा सकता है. हाइड्रॉक्सील का घनत्व अगर बढ़ता भी है, तो रेडियो टेलिस्कोप के काम पर उसका असर नहीं पड़ेगा.

रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ