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चीन अमेरिका के गले की हडड्डी बने चेन

३ मई २०१२

चीन के विरोधी कार्यकर्ता चेन ग्वांगचेंग ने गुरुवार को अमेरिका से शरण की मांग कर अमेरिकी इरादों पर सवाल उठा दिया है. आखिर क्या वजहें थी कि अमेरिकी अधिकारियों ने चेन को दूतावास से बाहर जाने दिया.

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तस्वीर: dapd

चीन के खिलाफ विरोध का झंडा बुलंद करने वाले चेन ग्वांगचेंग छह दिन तक चीन बीजिंग में अमेरिकी दूतावास में रहने के बाद बुधवार को अस्पताल चले गए. यहां वह चीनी अधिकारियों के नियंत्रण में हैं. अमेरिकी अधिकारियों ने उन्हें भरोसा दिया कि चीन ने स्थिति में सुधार का वादा किया है और वह वापस लौट जाएं. अस्पताल जाने और परिवार के लोगों से मिलने के एक दिन बाद चेन ने अब अपनी सुरक्षा की चिंता जताते हुए अमेरिका से मांग की है कि वह उन्हें चीन से निकाले. चेन का कहना है कि अपनी पत्नी और परिवार के दूसरे लोगों से बात करने के बाद उनका डर बढ़ गया है. चेन के मुताबिक उनकी पत्नी ने परिवार को मिली धमकियों के बारे में उन्हें बताया.

Chen Guangcheng mit Familie
तस्वीर: AP

अस्पताल से चेन ने टेलीफोन पर कहा, "मैं यहां बेहद असुरक्षित महसूस कर रहा हूं. मेरे अधिकार और मेरी रक्षा यहां नहीं हो सकती." अस्पताल में मौजूद चेन के परिवार ने भी उनके अमेरिका जाने के फैसले का समर्थन किया है. चेन ने अपनी पत्नी से मिले ब्यौरे का हवाला देकर बताया कि चीनी अधिकारियों ने उनके परिवार को अपने घेरे में ले लिया है. शानदोंग प्रांत के एक गांव में मौजूद उनके घर में चीनी अधिकारी डेरा डाले हुए हैं. चेन के दो बच्चे हैं. चेन ने कहा, "जब में अमेरिकी दूतावास में था तब मेरे साथ परिवार नहीं था इसलिए मैं कुछ बातें नहीं समझ सका. उनसे मिलने के बाद मेरा मन बदल गया है."

क्लिंटन का चीन दौरा

एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने बाद में बताया कि अमेरिका चेन की इच्छा समझने की कोशिश कर रहा है और उनका भविष्य तय करने के लिए वह चीन सरकार से लगातार बातचीत कर रहे हैं. इस अधिकारी ने कहा, "जब हम उनके अंतिम फैसलों को समझ जाएंगे तब हम उसे हासिल करने में उनकी मदद करेंगे." अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन दोनों देशों के बीच सालाना आपसी बातचीत के लिए फिलहाल चीन में हैं. इस बातचीत को चेन के विवाद ने अपने घेरे में ले लिया है हालांकि बातचीत पटरी से उतरी नहीं है. क्लिंटन ने इस मौके पर चीन में मानवाधिकारों का मुद्दा उठाया लेकिन उन्होंने चेन का नाम नहीं लिया. हालांकि बुधवार को हिलेरी ने चेन के दूतावास से निकलने के बाद उनसे बात की थी. हिलेरी क्लिंटन ने कहा, "निश्चित रूप से यह हमारी बातचीत का हिस्सा है, अमेरिका ने मानवाधिकार के महत्व और बुनियादी आजादी का मसला उठाया है. हमारा मानना है कि सभी सरकारों की यह जिम्मेदारी है कि वो नागरिकों के प्रति जवाब देह रहें, उनका सम्मान हो, कानून का राज हो और किसी भी देश को इससे इनकार नहीं करना चाहिए."

चीन में रहने के बारे में चेन का मन बदलने के बावजूद फिलहाल यह तय नहीं है कि वो अमेरिका जा पाएंगे या नहीं. दूतावास और अमेरिकी अधिकारियों की सुरक्षा से बाहर निकलने के बाद अब उनका भविष्य चीनी अधिकारियों के हाथ में है. अमेरिकी अधिकारी अब उनके साथ नजर नहीं आ रहे हैं. हालांकि चेन को अब भी अमेरिकी से उम्मीद है. चेन ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि अमेरिका मुझे यहां से तुरंत निकालने में मदद करेगा. मैं वहां अपने इलाज के लिए जाना चाहता हूं."

Chen Guangcheng
तस्वीर: AP

इधर अमेरिका ने उम्मीद जताई है कि चीन के साथ चेन के मुद्दे पर हुए समझौते से संकट दूर हो जाएगा. क्लिंटन और अमेरिकी वित्त मंत्री टिमोथी गाइथनर दोनों फिलहाल चीन में हैं. यहां अमेरिका चीन के साथ कारोबार के साथ ही उत्तर कोरिया, सीरिया और ईरान के मसले पर ज्यादा सहयोग हासिल करने की कोशिश में हैं. अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक चेन के मसले पर हुए समझौते के तहत इस बात पर रजामंदी हुई है कि चेन के परिवार को देश के किसी दूसरे हिस्से में बसाया जाएगा जहां उन्हें अपनी पढ़ाई जारी रखने की आजादी होगी. हालांकि चीन की सरकार ने इस मामले पर थोड़ा कड़ा रुख अपनाया है और अमेरिकी अधिकारियों से इस मामले में माफी मांगने को कहा है.

अमेरिका बनाम चीन

चीन, चेन और अमेरिका कुछ भी कहें तीनों के दावे पूरे मामले पर सवाल खड़ करते हैं. नजरबंदी में रह रहे चेन किसी तरह भाग कर अमेरिकी दूतावास पहुंचे और शरण की मांग की. छह दिन तक वहां रहने के बाद आखिर ऐसा क्या हुआ कि वह बाहर चले आए. अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि चेन अपनी मर्जी से बाहर गए क्योंकि वो अपने परिवार के पास जाना चाहते हैं. अमेरिका अधिकारियों का कहना है कि चेन चीन में ही रहना चाहते हैं और उन्होंने कभी शरण नहीं मांगी. पिछले कुछ दिनों में हुई घटनाओं ने चेन को चीन में विद्रोह की एक आवाज के रूप में लोगों के सामने उभारा है. चेन के बदले मन ने न सिर्फ उनके भविष्य बल्कि चीन अमेरिका के रिश्तों की व्यापक संभावनाओं पर भी सवाल उठाए हैं.

चेन का मामला चीन और अमेरिका दोनों के लिहाज से संवेदनशील वक्त में सामने आया है. एक तरफ राष्ट्रपति बराक ओबामा के लिए नवंबर के चुनाव को देखते हुए इसे सावधानी से हल करना जरूरी है तो दूसरी तरफ चीन में भी इसी साल नेतृत्व में बदलाव होना है. उधर चीनी नेतृत्व में भी बदलाव की तैयारी बड़ी सावधानी से तय किए गए कार्यक्रम के तहत हो रही है लेकिन इस पर कुछ विवादों का साया पड़ गया है. अमेरिका में ओबामा को चीन के प्रति नरम रुख अपनाने का आरोप पहले से ही लग रहा है और उनके प्रतिद्वंद्वी मिट रोमनी इस मामले में थोड़े सख्त माने जाते हैं. चेन का मामला पहले तो ओबामा प्रशासन की कूटनीतिक सफलता माना जा रहा था लेकिन अब हवा का रुख उल्टी दिशा में है और चेन जिम्मेदारी बनते नजर आ रहे हैं.

एनआर/ओएसजे(रॉयटर्स)