चीन की गर्भवती महिलाओं से हांगकांग परेशान
७ जनवरी २०१२हांगकांग में नवजात शिशुओं की तादाद पिछले कई सालों से बढ़ रही है. 2007 में 70,000 बच्चों में से 27,000 शिशुओं की माएं चीन से हांगकांग आई थीं. 2010 में कुल 88,000 बच्चों का जन्म हुआ. इनमें से 50 फीसदी बच्चे चीनियों के थे. अब हांगकांग के अधिकारी अपने अस्पतालों में बढ़ रहे दबाव को कम करना चाहते हैं.
कठोर कानून को चकमा
तुएन मुएन अस्पताल में काम कर रहीं मिस लीउंग कहती हैं कि इतनी सारी गर्भवती महिलाओं के होने की वजह से उनके काम पर असर पड़ रहा है. डॉयचे वेले से बातचीत में उन्होंने कहा, "डिलीवरी के लिए कमरे कम पड़ रहे हैं और कभी कभी महिलाओं को बाहर सोना पड़ता है वह भी फोल्डिंग चारपाई में, जिन पर उन्हें बिलकुल आराम नहीं मिलता. महिलाओं के लिए ही नहीं, हमारे लिए भी परेशानी बढ़ गई है." हांगकांग में रह रही महिलाओं और चीन से आ रही गर्भवती महिलाओं के बीच अस्पताल में कोई भेदभाव नहीं होता. सबका इलाज एक जैसे होता है.
लेकिन हांगकांग की महिलाएं इसका विरोध करने लगी हैं. चीन से भारी संख्या में आने वाली गर्भवती महिलाओं के खिलाफ वहां प्रदर्शन भी हो चुके हैं. अब हांगकांग की स्थानीय सरकार ने कई कार्यक्रम शुरू किए हैं. 2012 में चीन से केवल 3,400 महिलाओं को हांगकांग के अस्पतालों में प्रसव की अनुमति मिलेगी. 2010 में यह संख्या 10,696 थी. अगर चीन की कोई महिला 28 हफ्तों से गर्भवती है और उसने अस्पताल में प्रसव के लिए अर्जी नहीं दी, तो उसे वापस भेजा जा सकता है.
हांगकांग विश्वविद्यालय में प्रोफेसर जोसेफ चियुंग का कहना है कि सरकार को एक कोटा सिस्टम शुरू करना चाहिए. "हांगकांग में महिला स्वास्थ्य के लिए संसाधन कम हैं और इतनी बड़ी मांग हम पूरा नहीं कर सकते. मुझे लगता है कि स्थानीय महिलाओं को प्राथमिकता देनी चाहिए."
कानून है कारण
लेकिन इससे एक नई परेशानी शुरू हो गई है. कई बार चीन से महिलाएं गर्भावस्था के अंतिम चरण में हांगकांग पहुंचती हैं और उन्हें वापस भेजना मुश्किल हो जाता है. एक महिला ने तो एंबुलैंस में भी बच्चे को जन्म दिया. चीन में कानून से बचने के चक्कर में कई महिलाएं बॉर्डर अधिकारियों को चकमा देने के लिए ढीले कपड़े पहनती हैं ताकि अधिकारियों को पता न चले कि वह गर्भवती हैं. ठंडे मौसम की वजह से यह और आसान हो जाता है. हांगकांग अस्पताल प्राधिकरण के मुताबिक नवंबर में आपात्कालीन डिलीवरी के 1,453 मामले हुए. 2010 में यह संख्या केवल 500 थी.
हांगकांग विश्वविद्यालय की डा रे येप का मानना है कि चीन में महिलाओं की इस हालत को समझने की जरूरत है. चीन में एक बच्चा नीति हैं, एक बच्चे से ज्यादा पैदा करना कानून के खिलाफ है. अगर महिलाएं एक और बच्चा चाहती हैं तो वे हांगकांग आ जाती हैं. डा येप कहती हैं कि हांगकांग में पैदा हुए बच्चों को एक आई कार्ड भी मिलता है जिससे उनके स्वास्थ्य, शिक्षा और रहन सहन को लेकर सारी चिंताएं दूर हो जाती हैं.
रिपोर्टः मिरियम वांग/एमजी
संपादनः ओ सिंह