चीन ने कब-कब बदली अपनी जनसंख्या नीति
चीन को दशकों से अपने नागरिकों पर बच्चे पैदा करने को लेकर कड़े नियम लागू करने वाले देश के रूप में जाना जाता है. जानिए कब कब बदली चीन की जनसंख्या नीति.
एक-बच्चा नीति
चीन ने 1979 में अपनी विवादास्पद एक-बच्चा नीति की शुरुआत की थी. उस समय चीन की सरकार का कहना था कि गरीबी मिटाने और अर्थव्यवस्था को विकसित करने की कोशिशों को तेजी से बढ़ रही जनसंख्या की वजह से नुकसान पहुंच रहा था.
कइयों के दो बच्चे थे
शहरों में जो लोग अपने अपने माता पिता की इकलौती संतान थे उन्हें दो बच्चे पैदा करने की अनुमति थी. ग्रामीण इलाकों में भी कई लोगों पर कुछ ढीले प्रतिबंध लागू थे, जिसकी वजह से ऐसे कई लोग थे जिनके दो बच्चे थे.
बेटों की चाहत
2015 में चीन में अवैध रूप से जन्मपूर्व भ्रूण का लिंग जानने के लिए की जाने वाली जांच और अनचाहे लिंग के भ्रूण के गर्भपात को रोकने के लिए अभियान शुरू किया. सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक ऐसा लैंगिक असुंतलन की समस्या से निपटने के लिए किया गया. चीन में पारंपरिक रूप से बेटों के प्रति झुकाव है.
दो-बच्चा नीति
2016 में चीन ने लोगों को दो बच्चे पैदा करने की अनुमति दी. ऐसा बुजुर्गों की बढ़ती जनसंख्या से निपटने और कम होती श्रमिक संख्या को बढ़ाने के लिए किया गया.
गिरी जन्म दर
लेकिन दो-बच्चा नीति के बावजूद, 2019 में हर 1000 व्यक्तियों पर जीवित जन्मे बच्चों की संख्या 10.48 के रिकॉर्ड कम स्तर पर पहुंच गई. 2018 में यह संख्या 10.94 थी.
बदलती हकीकत
2019 के मुकाबले 2020 में चीन में जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या में 15 प्रतिशत गिरावट आई. कोरोना वायरस के आने से अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा और परिवार बढ़ाने के फैसलों पर भी.
"समावेशी" नीति
चीनी सरकार ने मार्च 2021 में कहा कि वो देश की जनसंख्या नीति को "और समावेशी" बनाएगी और बच्चे पालने के खर्च को भी कम करने की कोशिश करेगी. देश में तेजी से बढ़ती बुजुर्गों की आबादी को लेकर चिंताएं बढ़ती जा रही हैं.
थमती जनसंख्या वृद्धि
मई में हुई जनगणना में सामने आया कि पिछले दशक में चीन की जनसंख्या बढ़ने की गति 1950 के दशक के बाद से अभी तक की सब्सि धीमी गति रही. इससे सरकार पर लोगों को और बच्चे पैदा करने के लिए प्रलोभन देने का दबाव और बढ़ गया. 31 मई 2021 को एक बड़े नीतिगत बदलाव के तहत लोगों को तीन बच्चे पैदा करने की इजाजत दे दी गई. (रॉयटर्स)
दो से ज्यादा बच्चों की जरूरत
ग्वांगडोंग की जनसंख्या विकास अकादमी के निदेशक डॉन्ग यूशेंग जैसे विशेषज्ञों ने कहा कि अगर सरकार जल्द अधिकतम दो बच्चे पैदा करने की नीति को खत्म नहीं करती है तो अगले पांच सालों में हर साल में एक करोड़ से भी कम बच्चे पैदा हो सकते हैं.