चीन में मिलावटी दूध स्कैंडल पर सुनवाई
३१ दिसम्बर २००८चीन की समाचार एजैंसी शिनहुआ के मुताबिक सानलू दुग्ध कंपनी की पूर्व अध्यक्ष तियान वेनहुआ की भी अदालत में सुनवाई हुई. उनपर और कंपनी के तीन अन्य उप जनरल मैनेजरों पर आरोप है कि उन्होंने दूध में मिलावट की या फिर निम्न क्वालिटी का दूध बाज़ार में बेचा. वेनहुआ ने आरोप स्वीकार कर लिये हैं. अगर ये आरोप इन पर साबित हो जाते हैं तो उन्हें उम्र क़ैद या मौत तक की सज़ा सुनाई जा सकती है.
शिनहुआ द्वारा जारी किये गए एक विडियो में देखा जा सकता है कि अदालत में ये चारों पुलिस से घिरे हैं और उनमें से एक, वांग यूलियांग, वीलचेयर पर बैठा है. एजैंसी के मुताबिक वह आत्महत्या की कोशिश के दौरान अपाहिज हो गया था.
मिलावटी दूध से बच्चों की मृत्यु
सानलू ग्रुप की अध्यक्ष वेनहुआ ने न्यायाधीशों को बताया कि उन्हें जब मई में पहली बार मिलावटी दूध के बारे में पता चला तो उन्होंने अपनी ही निगरानी में एक जांच समिति का गठन किया. 2 अगस्त को उन्होंने नगर प्रशासन में इसकी शिक़ायत दर्ज की थी और 12 सितंबर को कंपनी में दूध का उत्पादन रोक दिया गया था.
अभी स्पष्ट रूप से नहीं बताया गया है कि उत्तरी चीन की शिनहुआंग अदालत में यह सुनवाई कितने समय तक चलेगी और फैसले कब सुनाए जाएंगे.
इस बीच जांच रिपोर्टों में पता चला है कि दूध बनाने वाली कंपनियों ने पैसा बनाने के लिए दूध में पानी की मिलावट की. साथ ही दूध के पाउडर में मेलमाइन रयासन मिलाया गया था ताकि दूध को देखकर ऐसा लगे जैसे उसमें ज़्यादा प्रोटीन है.
सानलु कंपनी पर आरोप है कि उसने जानबूझ कर इस मिलावट के स्कैंडल के बारे में सही समय पर जानकारी नहीं दी. जब तक विदेश में उसकी सहयोगी कंपनी, न्यू ज़ीलैंड की फॉन्टेरा ने पेइचींग सरकार को इसके बारे में अगाह नहीं किया, किसी को पता नहीं चल पा रहा था कि हज़ारों की संख्या में बच्चे बीमार कैसे पड़ रहे हैं.
दूध ही नहीं, मेलमाईन रसायन चीन से निर्यात किये गए अन्य खाद्य पदार्थों में भी पाया गया. इस बीच सानुलू को दिवालिया घोषित किया जा चुका है. चीन की सरकार ने प्रभावितों बच्चों के परिवारों को मुआवज़े के तौर पर कुल 16 करोड़ डॉलर की घोषणा की है लेकिन वकील और परिवार इसे बहुत थोड़ी क़ीमत मान रहे हैं.