जमानत के लिए हाईकोर्ट गईं कनिमोड़ी
२३ मई २०११अपनी जमानत याचिका खारिज होने के तीन बाद डीएमके सांसद कनिमोड़ी और कलइग्नार टीवी के प्रबंध निदेशक शरद कुमार के साथ सोमवार को निचली अदालत के फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी ने 20 मई को कनिमोड़ी और शरद कुमार की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. और 'तत्काल' गिरफ्तारी का आदेश दिया था. वे फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं.
सीबीआई ने 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में 43 वर्षीय कनिमोड़ी और कुमार का नाम 25 अप्रैल को दायर दूसरे आरोप पत्र में आरोपी के रूप में लिया था. सीबीआई ने कनिमोड़ी पर 200 करोड़ रुपए रिश्वत लेने का आरोप लगाया था. यह राशि कलेंगनार टीवी को गई जिसमें कनिमोड़ी की 20 फीसदी हिस्सेदारी है. वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने कनिमोड़ी की रिहाई की मांग महिला होने के नाते की थी.
जेठमलानी ने तर्क दिया था, "हत्या जैसे गंभीर मामलों में भी आरोपी को इस आधार पर रिहा किया जा सकता है कि वह एक महिला है." सीबीआई की विशेष अदालत ने हालांकि इस तर्क को मानने से इनकार कर दिया था और कहा था कि इस तरह के बड़े मामले में जमानत के लिए लैंगिक पहचान को जमानत का आधार नहीं बनाया जा सकता. कोर्ट ने कहा था, "जमानत याचिका पर विचार करते समय लिंग को भी ध्यान में रखा जाता है लेकिन जिस तरह का गुनाह और जो आरोप उन पर लगे हैं. मैं इस आधार पर उनकी याचिका पर असमर्थ हूं."
उधर दिल्ली हाईकोर्ट ने 2जी घोटाले के पांच आरोपियों की अपील की याचिका खारिज कर दी है. इनमें युनिटेक ग्रुप के प्रबंध निदेशक संजय चंद्रा, रिलायंस एडीएजी के ग्रुप एमडी गौतम दोशी शामिल हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/आमिर अंसारी
संपादनः आभा एम