जरदारी ने भेजा मनमोहन सिंह को न्यौता
२८ जुलाई २०१२जरदारी ने भारतीय प्रधानमंत्री को पाकिस्तानी उच्चायोग के जरिए पत्र भेजा है. पत्र में जरदारी ने लिखा है, "मुझे बड़ी खुशी है कि मैं महामहिम को पाकिस्तान दौरे के लिए सद्भावभरा न्यौता भेज रहा हूं." पत्र में जरदारी ने यह सलाह भी दी है कि मनमोहन सिंह नवंबर में गुरु नानक देव के जन्मदिन के मौके पर पाकिस्तान आएं. जरदारी ने कहा है कि इससे दोनों देशों के बीच धार्मिक तालमेल को बढ़ावा देने की पाकिस्तान की जनता की इच्छा को भी बल मिलेगा. जरदारी ने लिखा है, "पाकिस्तान दौरे के लिए आपको हमारा न्यौता अनोखा है. आपकी यात्रा हमें मौका देगी कि हम आपसी रिश्तों का जायजा ले सकें."
मनमोहन सिंह ने पाकिस्तान दौरे के लिए पहले हामी भरी थी लेकिन साथ ही कहा था कि यह तभी होगा अगर इसका कोई बड़ा नतीजा निकले. जरदारी ने अपने पत्र में दौरे के महत्व के बारे में कहा है, "प्रक्रिया जारी रखना जरूरी है और इसे ज्यादा उपयोगी और नतीजा देने वाला बनाना होगा."
जरदारी ने इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को उनके पैतृक गांव ले जाने का वादा किया है. मनमोहन सिंह का पैतृक घर पंजाब प्रांत के गाह में है.सिक्ख समुदाय की स्थापना करने वाले गुरु नानक देव का जन्मदिन इस साल 28 नवंबर को है. जरदारी चाहते हैं कि मनमोहन इसी मौके पर पाकिस्तान आएं जिससे कि दोनों मुल्कों के लोगों को एक दूसरे के धार्मिक विश्वासों का आदर करने का संदेश भी दिया जा सके. जरदारी का मानना है कि इससे पाकिस्तान के लोगों में धार्मिक सद्भाव की इच्छा और मजबूत होगी.
जरदारी ने मनमोहन सिंह के साथ नई दिल्ली में उनकी निजी यात्रा के दौरान हुई मुलाकात की गर्मजोशी का भी जिक्र किया है. इसी साल अप्रैल में जरदारी अजमेर की यात्रा के दौरान मनमोहन सिंह से मिले थे. इस दौरान दोनों ने आपसी संबंधों को मजबूत करने में हुई प्रगति पर संतोष जाहिर किया था. जरदारी ने अपने पत्र में लिखा है, "हमें यह देख कर खुशी हुई है कि हम दोनों के देशों के बीच बातचीत आगे बढ़ी है. हाल में दोनों पक्षों के बीच कई महत्वपूर्ण मुलाकातें हुई हैं." जरदारी ने माना है कि इन मुलाकातों का असर भविष्य में दिखेगा और दोनों देशों के संबंधों को आगे बढ़ाने में मददगार होगा. दोनों देशों के बीच अच्छे रिश्तों को जरदारी ने दक्षिण एशिया की शांति और समृद्धि के लिए जरूरी माना है.
पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ को शुभकामना देते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पिछले महीने उम्मीद जताई थी कि दोनों देश सभी मुद्दों पर आपसी बातचीत में आगे बढ़ेंगे और अच्छे पड़ोसी के रूप में रिश्तों को मजबूत करेंगे. भारत और पाकिस्तान ने पिछले साल की शुरुआत में शांति प्रक्रिया पर बातचीत शुरू की थी. 2008 में मुंबई हमलों के बाद से ही बातचीत रूकी हुई थी. जांच एजेंसियों ने मुंबई हमलों में पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा का हाथ बताया है. दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की सितंबर महीने में 9 तारीख को इस्लामाबाद में मुलाकात होने जा रही है. दोनों देशों के रिश्ते में पहले से सुधार भी आया है. पाकिस्तान ने संकेत किया है कि वह अगले साल की शुरूआत में भारत को सर्वाधिक वरीयता वाले देश का दर्जा दे देगा. भारतीय अधिकारी मनमोहन सिंह के दौरे को पाकिस्तान की तरफ से आतंकवादियों पर लगाम कसने की दिशा में उठाए कदम से जोड़ कर देख रहे हैं.
एनआर/आईबी (पीटीआई)