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जर्मन कैदखानों में नवनाजी नेटवर्क

१५ अप्रैल २०१३

जर्मन जनता नव नाजियों को लेकर खबरों से हैरान है. दक्षिणपंथी कैदियों की मदद कर रही संस्था के नाम पर इन कैदियों ने अपने जैसे विचारों वाले और कैदियों को प्रभावित करने की कोशिश की. इनमें से कई नवनाजी संगठन से जुड़े थे.

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तस्वीर: Getty Images

बर्लिन में दक्षिणपंथी उग्रवाद पर काम कर रहे बैर्न्ड वागनर इस बात की संभावना को आंकते हैं, "आप सोचिए कि एनएसयू इस मामले की शुरुआत ही थी. लोग अपने साथ पकड़े गए कैदियों के साथ कई मामलों में उलझे थे. यहां कई नेटवर्क एक दूसरे से मिलते हैं, कुछ ऊंचे स्तर के, तो कुछ नीचे हैं, कुछ मिल कर काम करते हैं. तो यह एक बड़ा सिस्टम है जिसमें बहुत कड़ियां हैं. "

दक्षिणपंथी सहयोग संगठनों के लिए केंद्र था हेसे राज्य की जेल ह्युनफेल्ड. हेसेन के न्याय मंत्री योर्ग ऊवे हान ने टीवी पर बताया, "मैं अब कह सकता हूं कि शुरुआती काम ह्युनफेल्ड से ही हुए."

पुराने नेटवर्क की जगह लेते नए वामपंथी

नए नेटवर्क का अपना इतिहास है. डेढ़ साल पहले जर्मन गृह मंत्री हांस पेटर फ्रीडरिष ने एचएनजी नाम के संगठन पर प्रतिबंध लगाया था. एचएनजी राष्ट्रीय राजनीतिक कैदियों और उनके परिजनों की मदद करने की पहल कर रहा था. उस वक्त संस्था का कहना था कि वह लोकतंत्र का विरोध करते हैं और नाजीवाद को मानते हैं. इस संस्था में 100 से ज्यादा सदस्य थे. यह लोग नवनाजी कैदियों की मदद करते थे, जेल में और उनके जेल से निकलने के बाद भी.

प्रतिबंधित होने के बाद दक्षिणपंथियों ने नया नेटवर्क बनाने की कोशिश की. जैसा कि मंत्री योर्ग ऊवे हान ने बताया, "हमें सबूत मिले हैं और इनके आधार पर हम मान सकते हैं कि वह एक संगठन की प्रणाली के तहत रिश्ते बढ़ाना चाहते थे, हेसे राज्य में ही नहीं, बल्कि पूरी जर्मनी में."

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

वरिष्ठ आपराधिक सलाहकार रहे बैर्न्ड वागनर ने डॉयचे वेले के साथ बातचीत में हेसे राज्य की जांच की तारीफ की, "हेसे को आपको पुरस्कार देना चाहिए और उनकी तारीफ करनी चाहिए, इसलिए क्योंकि वे पहले थे जिन्होंने एचएनजी पर प्रतिबंध के बाद दोबारा इस मुद्दे पर ध्यान डाला. उनकी सतर्कता के लिए उन्हें इनाम मिलना चाहिए. "

कैदियों के बीच संपर्क पुरानी बात

दक्षिणपंथियों के खुफिया नेटवर्क पर जांचकर्ताओं का ध्यान तब पड़ा जब उन्होंने हेसे की कई जेलों से मिली चिट्ठियां और दस्तावेजों की जांच की. जांच में पता चला कि कैदी अपने खुफिया संदेश पत्रों और अखबारों में छोटी खबरों के जरिए भेजते थे. इनके लिए जुएडडॉयचे साइटुंग और बिल्ड जैसे अखबारों का इस्तेमाल किया गया.

बैर्न्ड वागनर का नाम दक्षिणपंथी रास्ता त्यागने वाले नवनाजियों की वजह से भी मशहूर है. इस बारे में इतने साल काम करने के बाद उन्हें हेसे में मिले दस्तावेजों पर कोई हैरानी नहीं हो रही, "जेल में जो चल रहा है वह हमेशा से ही बहुत व्यवस्थित था. बहुत ही कम कारावास हैं जहां दक्षिणपंथियों की संख्या कम है. 1960 के दशक से आज तक आप देख सकते हैं कि इनके नेटवर्क जेलों में मौजूद हैं."

टैटू ट्रेनिंग

इस बीच संदिग्ध नवनाजी कैदियों को ह्युनफेल्ड में एक दूसरे से अलग रखा जा रहा है. साथ ही इन पर निगरानी भी कड़ी की गई है. जेल के अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि वह कैदियों के शरीर पर टैटू के जरिए उनकी विचारधारा को पहचान सकें. न्याय मंत्री हान मानते हैं कि टैटू से अकसर पता चल जाता है कि व्यक्ति नवनाजी है या नहीं. लेकिन अधिकारियों ने पहले इस बात पर ध्यान नहीं दिया.

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17 अप्रैल को म्यूनिख में नेशनल सोशलिस्ट अंडरग्राउंड एनएसयू की सदस्य बेआटे त्शेपे पर मुकदमा शुरू हो रहा है. इसके साथ संगठन के चार और सहयोगियों पर मुकदमा चलेगा. 2000 से लेकर 10 साल तक इस गुट के सदस्यों ने जर्मनी में रह रहे विदेशी मूल के लोगों पर हमले किए. अधिकारी उम्मीद कर रहे हैं कि तब तक उन्हें नवनाजियों के बारे में और जानकारी मिल सकेगी.

रिपोर्टः आन्या फेन्ले/एमजी

संपादनः आभा मोंढे

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