जर्मन कोच योआखिम लोएव को मिला नया कॉन्ट्रैक्ट
२१ जुलाई २०१०जर्मन फ़ुटबॉल संघ के निर्णय के अनुसार टीम के मैनेजर ओलिवर बियरहोफ़ भी अपने पद पर रहेंगे. संघ के स्पोर्टस् डायरेक्टर माथियास ज़ाम्मर के साथ सहयोग के सिलसिले में यहां कुछ मतभेद सामने आए थे. अब बियरहोफ़ ने स्पष्ट कर दिया है कि अंडर-21 टीम की सारी प्रशासनिक ज़िम्मेदारी वे ज़ाम्मर को सौंप रहे हैं. इन दोनों के अलावा असिस्टेंट कोच फ़्लिक व गोलकीपरों के कोच कोएपके भी टीम के साथ बने रहेंगे.
इन निर्णयों के सिलसिले में फ़ुटबॉल संघ के अध्यक्ष थेओ त्स्वांत्सिगर ने कहा कि बातचीत में कोच लोएव का रुख बहुत साफ़ व स्पष्ट था. उन्होंने कहा कि अब एक राष्ट्रीय कोच हैं, जो टीम के मुताबिक हैं. लोएव और बियरहोफ़ को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें दोनों के साथ सहयोग जारी रखने में खुशी है. शनिवार शाम को ही योआखिम लोएव ने संकेत दिया था कि वे सैद्धांतिक रूप से अपने पद पर बने रहने के लिए तैयार हैं. कोचिंग की निरंतरता बनाए रखने के लिए अब पूरी कोचिंग टीम को ही दो साल बाद यूरोपीय चैंपियनशिप तक के लिए बरकरार रखा गया है.
इन फ़ैसलों के बाद पत्रकारों से बात करते हुए योआखिम लोएव ने कहा कि फ़ुटबॉल संघ में काम करने की परिस्थितियां बहुत अच्छी हैं. उन्हें अपने काम में संघ की ओर से पूरा सहयोग मिल रहा है. दक्षिण अफ़्रीका में विश्वकप के बाद अब दो साल बाद यूरोपीय चैंपियनशिप की चुनौती से निपटना सबसे बड़ा काम है.
लोएव ने यह भी कहा कि कई खिलाड़ियों के साथ उनके संपर्क हो चुके हैं. विश्वकप के बाद अधिकतर खिलाड़ी विभिन्न देशों में छुट्टियां मना रहे हैं. उन्होंने कहा कि पेर मैर्टेसआकर, मिरोस्लाव क्लोज़े और बास्तियान श्वाइनश्टाइगर की ओर से उन्हें जवाब मिले हैं. खिलाड़ियों ने बधाई देते हुए कहा है कि उन्हें ख़ुशी है कि लोएव कोच बने रहेंगे.
अब एक सवाल अनसुलझा रह गया है. राष्ट्रीय टीम का कप्तान कौन होगा? मिशाएल बलाक के चोटिल हो जाने के बाद विश्वकप के लिए फ़िलिप लाम को कप्तान बनाया गया था. अब बलाक वापस आना चाहते हैं, और लाम भी कप्तान बने रहना चाहते हैं. ल्योव ने कहा कि इस सिलसिले में डेनमार्क से साथ मैच से पहले-पहले सभी संबद्ध पक्षों से बात की जाएगी. उन्होंने कहा कि लाम की चाह ग़लत नहीं है. लेकिन आख़िरी फ़ैसला कोच का होगा. और उन्होंने अभी तक कुछ तय नहीं किया है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ
संपादन: एस गौड़