जर्मन ग्रां प्री में फेटेल की चुनौती
२२ जुलाई २०११इस सीजन में बेहतरीन कार चला रहे फेटेल ऐन मौके पर गड़बड़ा गए हैं. वह नौ में से छह रेस जीत चुके हैं, जबकि दो बार दूसरे और एक बार तीसरे नंबर पर रहे हैं. यानी हर बार वह पोडियम पर चढ़ चुके हैं. लेकिन ब्रिटेन में हुई आखिरी रेस में वह फरारी के फर्नांडो अलोंजो से पिछड़ गए और जर्मनी के नुरबुर्गरिंग में अभ्यास के दौरान भी वह लाल तूफान से पीछे ही नजर आए.
24 साल के सेबास्टियान फेटेल ने पिछले सीजन की चैंपियनशिप जीती है और उन्हें बेहद प्रतिभावान ड्राइवर के रूप में देखा जा रहा है. मुश्किल उनकी कार के साथ है, जो तकनीकी गड़बड़ियों में फंस जाती है और जिसका खामियाजा फेटेल को उठाना पड़ता है.
बारिश की आशंका
जर्मन रेस ट्रैक 60 चक्कर वाला है और यहां सुरक्षा के बेहद जटिल इंतजाम किए गए हैं. इस बार हल्की बारिश का पूर्वानुमान है, जो रेस को मुश्किल और दिलचस्प दोनों बना सकता है. वैसे, यह जगह ऑस्ट्रिया के मशहूर ड्राइवर निकी लाउडा की दुर्घटना के लिए भी जानी जाती है. 1976 की रेस में लाउडा की कार हादसे का शिकार हो गई और वह बुरी तरह जल गए. लाउडा उस सीजन में सबसे आगे चल रहे थे. हादसे के बाद से वह हमेशा लाल रंग की टोपी लगाते हैं ताकि जले के निशान को छिपाया जा सके और इन दिनों एक जर्मन चैनल पर रेस की एक्सपर्ट कमेंट्री करते हैं.
दिग्गज ड्राइवर
इस साल के रेस में फेटेल के अलावा रेस इतिहास के कई दिग्गज ड्राइवर दिखेंगे, जिनमें फेटेल की टीम रेड बुल के साथी ड्राइवर मार्क वेबर के अलावा इंग्लैंड के लुइस हेमिल्टन और जेनसन बटन, स्पेन के फर्नांडो अलोंजो, ब्राजील के फिलिपे मासा और भारत के करुण चंडोक भी शामिल हैं. चंडोक को आखिरी वक्त में टीम लोटस में जगह मिल गई है, जबकि विजय माल्या की फोर्स इंडिया की कारें टीम के तौर पर ट्रैक पर दौड़ लगाएंगी. फोर्स इंडिया का भी जर्मनी ने नाता रहा है और इसके प्रमुख ड्राइवर आद्रियान सुटिल जर्मनी के ही हैं.
वैसे फेटेल और सुटिल के साथ जिस एक ड्राइवर पर नजर होगी, वह हैं 42 साल के मर्सिडीज ड्राइवर मिषाएल शूमाकर. सात बार के फॉर्मूला वन विजेता शूमाकर संन्यास तोड़ कर पिछले साल रेस पर लौटे हैं और तब से लगातार नाकाम रहे हैं. अभ्यास रेस में भी वह 10वें नंबर पर रहे. नुरबुर्गरिंग से उनका गहरा नाता रहा है और वह यहां तीन रेस जीत चुके हैं.
रिपोर्टः अनवर जे अशरफ
संपादनः आभा एम