1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

जर्मन टीम की चाबी कोच लोएव

६ जून २०१२

यूरो कप 2012 के लिए जर्मनी पंसदीदा टीमों में से एक है. और इस टीम की रणनीति बनाने वाले व्यक्ति का नाम है योआखिम लोएव. शानदार टीम के खिवैया अपनी बड़ी सफलता के इंतजार में हैं.

https://p.dw.com/p/159LN
तस्वीर: Reuters

जोआखिम लोएव जर्मनी में एक हस्ती हैं, राष्ट्रीय हीरो हैं. चूंकि जर्मन जनता फुटबॉल की दीवानी है तो पूरे देश की नजरें अपनी टीम की सफलता पर टिकी रहती है. लोएव का निकनेम योगी है. 52 साल के योगी को जर्मन टीम को फिर खड़ा करने के लिए जाना जाता है.

एक खिलाड़ी के तौर पर हालांकि योगी बड़े स्टार नहीं थे. सेल्समैन की ट्रेनिंग लिए योगी स्टुटगार्ट, फ्रैंकफर्ट, कार्ल्सरूह और फ्राइबुर्ग की ओर से बुंडेसलीगा में मिडफील्डर के तौर पर खेलते थे.

जर्मन कोच नए खिलाड़ी को ट्रेनिंग देने में विश्वास रखते हैं. उन्होंने पूर्व कप्तान मिषाएल बालाक और टोर्स्टन फ्रिंग्स जैसे वरिष्ठ खिलाड़ी को टीम से हटाने का फैसला लिया और 2010 के वर्ल्ड कप में प्रतिभाशाली नए खिलाड़ियों को जगह दी.

Fußball Weltmeisterschaft Südafrika 2010
स्पेन है लोएव की मुश्किलतस्वीर: AP

लोएव अच्छी तरह से जानते हैं कि उन्हें कैसे खेल के लिए किस तरह के खिलाड़ी चाहिए. वह मॉडर्न फुटबॉल के तहत सिर्फ डिफेंस और बॉल अपने पास रखने की नीति नहीं बल्कि आक्रामक खेल का समर्थन करते हैं, "हमने गेंद पास करने, दौड़ने, बॉल अपने कब्जे में फिर से लेने और जवाबी हमला करने का अच्छा मिक्स बना लिया है." सेफ खेल में कोच योगी भरोसा नहीं करते, "मेरे लिए एक अच्छा कोच वह है जो हिम्मत दिखाता है और जोखिम लेना पसंद करता है."

स्टुटगार्ट के लिए जर्मन कप जीतने के बाद 1997 में योआखिम लोएव ने कोच की भूमिका अपनाई. 2002 में टिरोल की टीम के साथ उन्होंने ऑस्ट्रियन लीग जीती. 2004 में योआखिम लोएव जर्मन राष्ट्रीय टीम के सहायक कोच बने, तब वह युर्गेन क्लिंसमान के साथ थे. क्लिंसमान और लोएव दक्षिण पश्चिम जर्मनी से हैं और एक दूसरे को कोचिंग स्कूल से जानते थे. दोनों ने मिल कर जर्मन टीम की डिफेंसिव नीति को बदल कर आक्रामक किया. 2006 में वर्ल्ड कप में तीसरे नंबर पर रही जर्मन टीम की कमान लोएव को मिली.

बदली स्टाइल

तब से अभी तक लोएव को काफी सफलताएं मिली हैं. 2008 की यूरोपीय चैंपियनशिप में टीम दूसरे नंबर पर रही, 2010 के वर्ल्ड कप में तीसरे पर. फ्रांस के अखबार ले इक्विप ने लिखा था कि लोएव के युवा खिलाड़ियों ने बहुत बढ़िया फुटबॉल दिखाया और उन्हें 2010 में 'कोच ऑफ द ईयर' का टाइटल भी मिला.

Polen Danzig Deutsche Nationalmannschaft
जर्मनी का पहला मुकाबला पुर्तगाल सेतस्वीर: Reuters

योआखिम लोएव दक्षिण पश्चिम जर्मनी के फ्राइबुर्ग में पत्नी डानिएला के साथ रहते हैं. योगी खाली वक्त में घर पर वक्त बिताना पसंद करते हैं, "मेरा घर सुरक्षित स्वर्ग जैसा है. आराम करने और सोचने की जगह. वहां मैं किताब पढ़ना, दोस्तों से मिलना पसंद करता हूं या फिर सिर्फ सोफे पर एक ग्लास रेड वाइन और स्पेगेटी की प्लेट के साथ टीवी पर कोई जासूसी सीरियल देखना पसंद करता हूं."

कभी कभार सिगरेट पीने वाले लोएव को मीठा बहुत पसंद है. टीम में अपने फैशन और स्टाइल के लिए भी वह जाने जाते हैं. कोच वाले जोन में वह कभी भी जॉगिंग पैंट्स में नहीं देखे गए. 2010 के वर्ल्ड कप के दौरान एक आसमानी स्वेटर उनकी निशानी बन गया. अब देखना है कि  पोलैंड और यूक्रेन में यूरो 2012 में वह किस तरह नया फुटबॉल और कोचों के लिए नया फैशन सिंबल तैयार करते हैं.

रिपोर्टः आर्नुल्फ बोएचर/एएम

संपादनः ओंकार सिंह जनौटी

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें