जर्मन महिला फुटबॉल टीम की कोच पर इस्तीफे का दबाव
१३ जुलाई २०११मंगलवार को जर्मनी के अखबार 'बिल्ड' को दिए एक इंटरव्यू में नाईट ने कहा कि वह गेम से ब्रेक लेना चाहती हैं. नाईट ने कहा कि अभी वह इस बात का निर्णय नहीं ले पाई हैं कि क्या वह टीम के अगले बड़े टूर्नामेंट के लिए टीम का साथ देने के लिए तैयार हैं. शनिवार को हुए क्वार्टर फाइनल में जर्मनी को जापान के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा. हार के बाद भी जर्मन फुटबॉल एसोसिएशन के अध्यक्ष थिओ त्स्वानत्सिगर ने कहा कि उन्हें नाईट पर पूरा भरोसा है और वह टीम के लिए सबसे बेहतरीन कोच हैं. वर्ल्ड कप शुरू होने से पहले 47 वर्षीय नाईट ने एसोसिएशन के साथ नया कॉन्ट्रैक्ट साइन किया जो 2016 तक वैध है.
जर्मन मीडिया इस सवाल का जवाब ढूंढने में लगा है कि टीम से चूक कहां हुई. अखबारों और टीवी चैनलों पर लगातार पूछा जा रहा है कि क्या टीम वर्ल्ड कप से पहले खेले गए मैचों के कारण थकी हुई थी या वर्ल्ड कप को लेकर उनकी तैयारी पूरी नहीं थी या फिर नाईट की रणनीति गलत थी? सबसे अधिक चर्चा नाईट के टीम की बेहतरीन स्ट्राइकर बिरगिट प्रिंत्स को बाहर बिठाने पर हो रही है. आलोचकों का कहना है कि यह केवल नाईट की भूल ही नहीं थी, बल्कि इस से पता चलता है कि नाईट को खिलाड़ियों की सही पहचान भी नहीं है. सोमवार को प्रिंत्स के पिता ने जर्मन रेडियो से कहा कि नाईट टीम का नेतृत्व करने की स्थिति में नहीं है और "उनके लिए यही सही होगा कि वह इस्तीफा दे दें."
क्वार्टर फाइनल मैच के फौरन बाद नाईट बेहद आत्मविश्वास से भरी हुई दिखीं. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, "फिलहाल मुझे प्रेरणा की कोई कमी नहीं है, और ना ही मुझे लगता है कि टीम को है. जब तीन या चार हफ्ते बीत जाएंगे, तब खिलाड़ी एक बार फिर सब को दिखाना चाहेंगे कि वे बेहतरीन टीमों में से एक हैं." हालांकि अब उनका यह आत्मविश्वास डगमता हुआ सा दिख रहा है.
जिल्विया नाईट को 2010 की फीफा वर्ल्ड फीमेल कोच ऑफ द ईयर का पुरस्कार मिल चुका है.
रिपोर्ट: आंद्रे लेस्ली/ ईशा भाटिया
संपादन: एन रंजन