जर्मन राष्ट्रपति वुल्फ का इस्तीफा
१७ फ़रवरी २०१२इस्तीफे की घोषणा करते हुए क्रिस्टियान वुल्फ ने कहा कि जर्मनी को ऐसे राष्ट्रपति की जरूरत है "जिसे न सिर्फ जनता के बहुमत का बल्कि व्यापक बहुमत का समर्थन प्राप्त हो." वे विवादित निजी कर्ज और दोस्तों के यहां छुट्टी बिताने के कारण पिछले कई सप्ताह से आलोचना के केंद्र में हैं.
वुल्फ ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि उनके खिलाफ आरोपों की कानूनी जांच के बाद वह पूरी तरह बरी हो जाएंगे. इस्तीफे की घोषणा के लिए अपनी पत्नी के साथ आए वुल्फ ने कहा कि पिछले दो महीने में मीडिया में छपी रिपोर्टों ने उन्हें और उनकी पत्नी को आहत किया है.
शुक्रवार की सुबह से ही जर्मन मीडिया राष्ट्रपति के इस्तीफे की अटकलें पेश कर रहा था. इसे देखते हुए जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने इतालवी प्रधानमंत्री मारियो मोंटी के साथ अपनी मुलाकात रद्द कर दी और सुबह 11:30 बजे चांसलर दफ्तर से बयान जारी करने की बात की गई.
वुल्फ पर आरोप है कि उन्होंने पद का गलत इस्तेमाल किया और एक जर्मन फिल्मकार के निमंत्रण पर मुफ्त में छुट्टियां बिताईं. वुल्फ पर लगातार लग रहे आरोपों के बाद जांच अधिकारियों ने इस मामले में आरंभिक जांच के बाद जर्मन संसद से आवेदन किया है कि राष्ट्रपति वुल्फ का विशेषाधिकार खत्म किया जाए, ताकि उन्हें जांच के दायरे में लाया जा सके.
इससे पहले उन पर आर्थिक लाभ उठाने के भी आरोप लग चुके हैं. वुल्फ पर आरोप है कि पहले उन्होंने निजी इस्तेमाल के लिए एक उद्यमी दोस्त से कर्ज लिया और उसके बाद जर्मन बैंक से कम दर पर कर्ज लिया. यह मामला पिछले साल दिसंबर से ही तूल पकड़ रहा है. उन पर आरोप है कि लोवर सेक्सनी का मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने आर्थिक फायदा उठाया था. इस मामले पर उन्होंने एक जर्मन अखबार को फोन करके धमकी भी दी थी.
इससे पहले राष्ट्रपति होर्स्ट कोएलर को जर्मनी की अफगानिस्तान नीति पर अपने बयान पर उपजे बवाल के बाद इस्तीफा दे दिया था. कोएलर ने 2010 में ऐसी टिप्पणी की थी, जो आम तौर पर जर्मनी की अफगान नीति से मेल नहीं खाती है. उसके बाद वुल्फ को जर्मनी का राष्ट्रपति बनाया गया.
पद पर रहते हुए लाभ लेना जर्मनी में अपराध है और इसके लिए तीन साल तक की सजा हो सकती है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल
संपादनः महेश झा