जर्मन संसद में यूरो बचाव पैकेज पर मतदान
२९ सितम्बर २०११नए संशोधित बचाव पैकेज में 440 अरब यूरो की क्रेडिट गारंटी का प्रावधान है. संसद में इस बेल आउट पैकेज के अनुमोदन प्रस्ताव पर मतदान हो रहा है. चांसलर अंगेला मैर्केल ने मतदान से पहले अपने सांसदों से समर्थन की अपील करते हुए कहा है कि यूरो हमारा साझा भविष्य है, इसलिए सहमति अत्यंत महत्वपूर्ण है. बिल का पास होना विपक्षी पार्टियों के समर्थन के कारण खतरे में नहीं है, लेकिन सत्ताधारी पक्ष खुद अपना बहुमत सुरक्षित करना चाहता है.
चांसलर बहुमत पर आशंका
संसद में मतदान से पहले सत्ताधारी पक्ष के बहुत से सांसद बेल आउट पैकेज का विरोध कर रहे थे और सरकारी बहुमत खतरे में था. लेकिन इस बीच अनिर्णय की स्थिति वाले कई सांसदों ने प्रस्ताव के पक्ष में मत देने का मन बना लिया है और चांसलर अंगेला मैर्केल चांसलर बहुमत पाने के लिए बिल के साथ विश्वास का प्रस्ताव नहीं रखेंगी. जिन बिलों पर सरकारी बहुमत न पाने की आशंका रहती है सरकार प्रमुख विश्वास का मत मांग कर सांसदों को अनुशासित करने की कोशिश करते हैं. लेकिन वर्तमान गठबंधन इस समय इसे जरूरी नहीं मानता.
चांसलर बहुमत संसद में सत्ताधारी गठबंधन के बहुमत को कहा जाता है. 620 सदस्यों वाले बुंडेसटाग में यह संख्या 311 है. लेकिन सीडीयू, सीएसयू और एफडीपी की गठबंधन सरकार बेल आउट बिल के लिए जरूरी सामान्य बहुमत पाने की कोशिश कर रही है. विपक्षी पार्टियों की 290 सीटें हैं और यह सामान्य बहुमत 291 मत पाने से मिल जाएगा. सत्ताधारी गठबंधन के 330 सांसद हैं. चांसलर बहुमत पाने के लिए गठबंधन 19 सांसदों का वोट न देना या विरोध में वोट देना सह सकता है. 18 सांसदों को बिल विरोधी माना जा रहा है.
प्रांतों की आलोचना
जर्मनी में बचाव पैकेज के लिए विरोध की हालत यह है कि संसदीय मतदान से पहले बवेरिया प्रदेश की सरकार ने, जहां सीएसयू और एफडीपी की गठबंधन सरकार है, ऐहतियातन यूरो बचाव पैकेज के आकार को बढ़ाने के खिलाफ वीटो लगाने की घोषणा की है. शुक्रवार को संसद के उपरी सदन बुंडेसराट की बैठक में एक प्रोटोकॉल बयान में इस वीटो को शामिल किया जाएगा. मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रमुख हूबर ने इस पर जोर दिया है कि प्रदेश की सरकार यूरो बचाव पैकेज और भावी यूरो स्थिरता मैकेनिज्म का समर्थन करती है. लेकिन बवेरिया की सरकार का मानना है कि पैकेज को बढ़ाने से जर्मनी की वित्तीय साख खतरे में पड़ जाएगी.
दक्षिणी प्रांत बाडेन वुर्टेमबर्ग ने भी बचाव पैकेज को लागू करने में प्रांतों की अधिक भागीदारी की मांग की है. यूरोपीय मामलों के मंत्री पीटर फ्रीडरिष ने कहा कि प्रांत केंद्र सरकार को कोई ब्लैंक तेक नहीं देगा और अपने अधिकारों का परित्याग नहीं करेगा. फ्रीडरिष ने जो बुंडेसराट के यूरोपीय संघ आयोग के प्रमुख हैं, केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि शुक्रवार को होने वाले मतदान से पहले उसने प्रातों को बचाव पैकेज के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं दी है.
उधर जर्मन राष्ट्रपति क्रिश्टियान वुल्फ ने यूरो संकट और यूरोप के समेकन पर राजनीतिज्ञों की प्रतिक्रिया पर चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ के समझौतों की व्यापक व्याख्या की रुझान को चिंताजनक बताया. उन्होंने कहा कि यूरोपीय एकीकरण का रास्ता लोकतांत्रिक तरीके से तय किया जाना चाहिए.
रिपोर्ट: एजेंसिया/महेश झा
संपादन: एन रंजन