जर्मनी का युवा जैज ऑर्केस्ट्रा भारत के दौरे पर
२५ नवम्बर २०११बेंगलोर में युवा संगीतकारों का भारी स्वागत हुआ. आईटी नगरी बेंगलोर में जैज को पसंद करने वाले युवाओं की कमी नहीं और इसका नजारा तब दिखा जब उनके प्रदर्शन को पहली बार दर्शकों ने और सुनने की मांगें की और बुजैजो के संगीतकारों ने उनका भरपूर मनोरंजन किया. जैज संगीताकों के अलावा वहां दक्षिण भारतीय संगीत के प्रमुख चेहरे भी मौजूद थे.
ऑडिटोरियाम मृदंग, थवील, पियानो, गिटार और सैक्सोफोन की धुनों पर थिरक उठा. जर्मन संगीतकारों को सुनने आए कुमार पांडे ने कहा, "मैंने ऐसा संगीत कभी नहीं सुना. यह परफेक्ट सिंफनी है और ऐसे परीक्षणों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए."
शो की शुरुआत मिस्टर मनी के साथ शुरू हुई, जिसकी रचना कर्नाटक संगीत की प्रसिद्ध गायिका रामामणि ने की है और उन्होंने स्वंय उसे गाया. उन्होंने काफी समय से अपना ध्यान पश्चिमी संगीत पर केंद्रित किया है और कई परीक्षण किए हैं. उसके बाद लुइस बैंक्स के सिटी लाइफ और रामामणि के स्वीट 17 का प्रदर्शन हुआ.
भारत के आठ शहरों में हो रहा संगीत समारोह जर्मनी में दो सप्ताह के वर्कशॉप का नतीजा है. जर्मनी में हुए वर्कशॉप में जर्मन संगीतकारों ने भारतीय कलाकारों के साथ मिलकर दक्षिण भारतीय कार्नाटक संगीत के गायन और उसकी धुनों का परिचय पाया था.
जर्मन संगीतकारों के दौरे की बेहतर शुरुआत नहीं हो सकती थी, यह मानना था रामामणि सहित दौरे पर साथ जा रहे भारतीय कलाकारों का. रामामणि ने कहा, "यह अनोखा अनुभव था. अब तक इन अद्भुत युवा संगीतकारों के साथ काम करना सपने जैसा है." बॉन स्थित जर्मन संगीत परिषद की रोजमरी मोइजिश ने कहा, "इनमें अद्भुत ऊर्जा है. जैज बजाते समय इम्प्रोवाइजेशन को देखिए, जो दिन पर दिन बेहतर होता जा रहा है."
जर्मन युवा जैज ऑर्केस्ट्रा युवा जैज संगीतकारों के प्रोत्साहन के लिए बना एक बिग बैंड है. बुजैजो के नाम से जाना जानेवाला यह ऑर्केस्ट्रा नियमित अंतराल पर सर्दियों और गर्मियों में 14 दिनों के लिए 70 भागीदारों के साथ काम करता है. इसकी स्थापना 1987 में जर्मनी संगीत परिषद की पहल पर की गई थी.
बैंड ने अब तक 15 अंतरराष्ट्रीय दौरे किए हैं और 400 से ज्यादा कंसर्ट दिए हैं. ऑर्केस्ट्रा के कंडक्टर उलरिष आडोमाइट कहते हैं, भारत का यह अनुभव उन सबसे अलग रहा है. बुजैजो के कंसर्ट का आयोजन भारत में मनाए जा रहे जर्मन मोहत्सव के सिलसिले में किया गया है. इस साल भारत और जर्मनी कूटनीतिक संबंधों की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ मना रहा है.
रिपोर्ट: मुरली कृष्णन/मझा
संपादन: एन रंजन