जर्मनी की जीत और नीदरलैंड्स की हार
१० जून २०१२ग्रुप बी के पहले दो मैचों ने यूरो कप के शुरुआती दौर में काफी रोमांच पैदा किया. खारकीव के मैदान पर मिखेल क्रोन-डेली के 24 वें मिनट के गोल से डेनमार्क को जीत मिली. वहीं जर्मनी को 72वें मिनट तक एक गोल के लिए संघर्ष करना पड़ा. मारियो गोमेज के निर्णायक गोल ने लवीव में जर्मनी को जीत दिलाई.
जीत के बाद जर्मनी के कोच लोएव ने कहा, "मारियो और टीम के लिए यह अच्छा गोल था. हम जीते और यही सबसे महत्वपूर्ण है. पहले मैच में हम थोड़े तनाव थे क्योंकि डेनमार्क ने नीदरलैंड्स को हरा दिया था. कोई भी टीम पहले मैच में पीछे नहीं रहना चाहेगी. अगर आप पहला मैच जीत जाते हैं तो आपको थोड़ी ताकत मिलती है. अब हमें हमले पर ज्यादा ध्यान देना है और मुझे पूरा विश्वास है कि हम ऐसा करने सफल होंगे."
अब तीन बार के चैंपियन जर्मनी और 1992 में जीते डेनमार्क के पास ग्रुप बी में तीन अंक हैं. इस ग्रुप का अगला मैच बुधवार को होना है जिसमें पुर्तगाल लवीव में डेनमार्क के साथ खेलेगा और जर्मनी खारकीव में अपने चिर प्रतिद्वंद्वी नीदरलैंड्स के साथ खेलेगा.
यूरो 2012 में नीदरलैंड्स को प्रबल दावेदार माना जा रहा था, क्योंकि 2010 वर्ल्ड कप के फाइनल में उसने शानदार खेल दिखाया था. लेकिन दक्षिण अफ्रीका में यह इसलिए संभव हो पाया क्योंकि उसके स्टार खिलाड़ी टीम में खेल रहे थे. शनिवार को हुए मैच में नीदरलैंड्स की रक्षा पंक्ति कमजोर थी.
डेनमार्क और नीदरलैंड्स के मैच के दौरान ट्विटर पर इगोलैंड(डच)-लेगोलैंड (डेनमार्क) 0-1 का संदेश घूम रहा था. और टीम के लिए गोल भी एक ऐसे खिलाड़ी क्रोन-डेली ने किया जो आठ साल तक हॉलैंड में खेल चुका है और उसकी गर्ल फ्रेंड भी डच है.
वहीं जर्मनी के लिए भी सामान्य तौर पर गोल करने वाले थोमास म्यूलर की जगह मारियो गोमेज ने गोल किया. जर्मनी के गोल कीपर मानुएल नॉयर ने भी जबरदस्त प्रदर्शन किया और आखिरी दस मिनट में तो बढ़िया खेल दिखाते हुए कई शानदार गोल रोके.
अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में धीमी शुरुआत करने की आदत जर्मनी ने यूरो चैंपियनशिप में भी कायम रखी. दक्षिण अफ्रीका में दिखाई दिए आक्रामक जर्मन खेल की शनिवार को लवीव के स्टेडियम में आहट भी नहीं दिखाई दी. कम से कम पहले हाफ में खेल बहुत ही धीमा रहा. जर्मन टीम में केवल मेसुत ओएजिल बीच बीच में चमक रहे थे. 30वें मिनट में उन्होंने पुर्तगाल के पेनल्टी एरिया में लुकास पोडोल्स्की को शानदार पास दिया लेकिन गेंद गोल की बजाए ऊपर चली गई.
जर्मन टीम भले ही ढीली खेल रही हो पुर्तगाल की टीम भी कोई बहुत तेज नहीं थी. कप्तान क्रिस्टियानो रोनाल्डो भी अपना जलवा नहीं दिखा पा रहे थे. उन्हें जेरोम बोआटेंग ने घेर रखा था, घूमने तक का मौका नहीं दे रहे थे. जरूरत पड़ने पर बोआटेंग का साथ देने दूसरे खिलाड़ी आ जाते थे. रोनाल्डो को कसने की कोच लोएव की नीति अंत में बहुत कामयाब रही.
दूसरे हाफ में जर्मनी ने बढ़िया खेलना शुरू किया. लेकिन पुर्तगाल की रक्षा पंक्ति को भेदना फिर भी मुश्किल हो रहा था. 72वें मिनट में जैसे ही मौका मिला, गोल जर्मनी की झोली में आया. जब बास्टियान श्वाइश्टाइगर दाएं से गेंद नहीं ले सके. तब केदिरा ने पेनल्टी से गेंद को धकेला और गोमेज ने सटीक हेडर से उसे गोल में पहुंचा दिया.
पुर्तगाल ने आखिरी 18 मिनट में आगे आने और खेल को बराबर करने की बहुत कोशिश की लेकिन जर्मन टीम ने अपनी सारी शक्ति बढ़त को बनाए रखने में लगा दी और कामयाब रहे. इस दौरान जेरोम बोआटेंग के शानदार ब्लॉक्स देखने को मिले और मानुएल नॉयर की मास्टरी भी.
रविवार को ग्रुप सी के मैच पोलैंड में होने हैं. ग्दांस्क में स्पेन का मैच इटली से और पोजनान में आयरलैंड का मैच क्रोएशिया से होगा.
एएम/एमजे (डीपीए, रॉयटर्स)