जर्मनी को चीन का सहारा
३० अगस्त २०१२जर्मन चांसलर से बातचीत के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में वेन ने कहा, "चीन को हमेशा से ही यूरो जोन में विश्वास था और हमें खुशी है कि चीनी मुद्रा रेनमिनबी का यूरोपीय देशों में व्यापार और आर्थिक लेन देन में ज्यादा उपयोग हो सकेगा. चीन और ईयू के बीच व्यावहारिक राजनीतिक साझेदारी और यूरोपीय संघ यूरो जोन के कर्ज संकट को हल करने के काबिल हैं." वेन जियाबाओ ने कहा कि यूरोपीय संघ की सरकारें इस समस्या को हल करने में कामयाब रही हैं. साथ ही उन्होंने इटली, स्पेन और ग्रीस को सुधार लागू करने के लिए कहा.
चीन ने कुछ शर्तों पर यूरो संकट झेल रहे देशों की सहायता करने की तैयारी भी व्यक्त की है. वह संकट झेल रहे देशों के सरकारी बॉन्ड खरीद सकता है. वेन ने कहा कि बजट अनुशासन और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में संतुलन भरोसे की कुंजी है. यूरो संकट के कारण चीन को निर्यात के क्षेत्र में नुकसान झेलना पड़ा है. उसे डर है कि यदि ग्रीस यूरो जोन से बाहर निकलता है तो इसका असर दूसरे देशों पर भी पड़ सकता है.
50 एयर बस का ऑर्डर
वहीं जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल ने कहा कि कई सुधार हो रहे हैं और राजनीतिक इच्छा शक्ति पक्की है कि यूरो को फिर से ताकतवर मुद्रा बनाया जाए. मैर्केल सात महीने में दूसरी बार चीन की यात्रा पर हैं. इस बार उनके साथ 100 लोगों का प्रतिनिधिमंडल है जिसमें वरिष्ठ व्यवसायी और सात केबिनेट मंत्री शामिल हैं.
अंगेला मैर्केल के चीन पहुंचने के बाद छह अरब डॉलर के मूल्य के समझौतों पर दस्तखत हुए हैं. चीनी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने कहा कि आईसीबीसी लीजिंग ने 2.8 अरब यूरो का करार किया है ताकि वह एयर बस से 50 ए320 प्लेन खरीदे. आईसीबीसी लीजिंग चीन की इंडस्ट्रियल और कमर्शियल बैंक का हिस्सा है. चीन ने तियानजिन में एयर बस असेंबली प्लांट बनाने के लिए भी एक करार किया गया है. यह 1.6 अरब डॉलर के मूल्य का है. इसके अलावा कार निर्माण उद्योग, संचार, ऊर्जा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी करार किए गए हैं.
सीरिया पर मतभेद
मैर्केल और वेन की बातचीत में सीरिया का मुद्दा भी उठा. मतभेदों के बावजूद जर्मनी सीरिया के शरणार्थियों की मानवीय स्थिति सुधारने के लिए चीन के साथ सहयोग करेगा. जर्मनी के विदेश मंत्री गीडो वेस्टरवेले ने कहा कि वह भाग रहे लोगों के साथ सुरक्षा परिषद की एकजुटता का स्पष्ट संकेत चाहते हैं. उन्होंने कहा कि चीन को सीरिया पर वह अपने प्रभाव का इस्तेमाल करना चाहिए. सीरिया पर कार्रवाई के मुद्दे पर रूस और चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वीटो का इस्तेमाल किया. चीनी विदेश मंत्री यांग यीची के साथ बातचीत के बाद गीडो वेस्टरवेले ने कहा कि रूस और चीन के बिना सीरिया में कोई सच्ची प्रगति संभव नहीं है.
साथ ही इस साल अक्तूबर के दौरान चीन के शेनयांग प्रांत में जर्मन कंसुलेट शुरू करने की बात हुई है. वेस्टरवेले ने कहा, "हमारे लिए चीन इक्कीसवीं सदी की उभरती हुई ताकत है."
एएम/एमजे (डीपीए, एएफपी, रॉयटर्स)