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जर्मनी ने सीरिया के राजनयिकों को निकाला

९ फ़रवरी २०१२

जर्मनी में सीरिया के दो संदिग्ध जासूसों की गिरफ्तारी के बाद सरकार ने बर्लिन में सीरियाई दूतावास के चार कर्मचारियों को निष्कासित कर दिया है. उधर सीरिया में विपक्षी गढ़ होम्स में सैनिक कार्रवाई में फिर से लोग मारे गए हैं.

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गीडो वेस्टरवेलेतस्वीर: AP

जर्मन विदेश मंत्री गीडो वेस्टरवेले ने कहा कि जासूसी के संदेह में दो लोगों की गिरफ्तारी के बाद मैंने सीरिया के दूतावास कर्मियों के निष्कासन का निर्देश दिया है. राजनयिकों का निष्कासन जर्मनी में रहने वाले सीरियाई नागरिकों को डराने धमकाने की कोशिशों के साथ जुड़ा हुआ है. विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा था कि उनकी गतिविधियां राजनयिकों के अनुरूप नहीं थीं. तीन पुरुष और एक महिला राजनयिकों के पास अब बर्लिन छोड़ने के लिए तीन दिन का समय है.

राजनयिकों का निष्कासन

दूतावास के कर्मियों का निष्कासन कूटनीति में कठोरतम सजा समझी जाती है. कूटनीतिक संबंधों पर वियना संधि के आर्टिकल 9 में इसकी व्यवस्था है. सीरिया के शासक बशर अल असद की अपनी ही जनता के खिलाफ कार्रवाई का विरोध करने के लिए सीरिया के राजदूत को पिछले दिनों में कई बार विदेश मंत्रालय में तलब किया गया है. राजनयिकों के निष्कासन पर दूतावास ने कोई टिप्पणी नहीं की है.

Deutschland Syrien syrische Botschaft in Berlin
बर्लिन में सीरिया का दूतावासतस्वीर: dapd

जर्मनी में 32,000 सीरियाई नागरिक रहते हैं. पिछले साल सीरिया में हिंसा भड़कने के बाद 2600 लोगों ने जर्मनी में शरण के लिए आवेदन दिया है. निर्वासन में रहने वाले सीरियाई डराने धमकाने की शिकायत करते हैं. पिछले साल क्रिसमस के बाद सीरियाई मूल के ग्रीन राजनीतिज्ञ फरहद अहमा पर उनके ही घर में हमला किया गया. मंगलावार को गिरफ्तार दो संदिग्ध जासूसों, 34 साल के लेबनानी मूल के जर्मन और 47 वर्षीय सीरियाई पर जर्मनी में रहने वाले सरकार विरोधियों पर नजर रखने और उन पर जानकारी जुटाने का आरोप है. छह अन्य लोगों के खिलाफ जांच चल रही है.

जारी है सरकारी हिंसा

इस बीच सीरिया में विपक्ष के खिलाफ जारी सैनिक कार्रवाई में और लोगों की जान गई है. विपक्षी रिवोल्यूशन कमेटी के अनुसार होम्स में गुरुवार को 37 लोग मारे गए. बुधवार को विपक्ष के गढ़ में 93 लोग मारे गए थे. विपक्षी राष्ट्रीय परिषद के नेतृत्व की हिंसा को रोकने के कदमों पर कतर में बैठक हुई है. अब सैनिक विकल्पों और विद्रोही सैनिकों को हथियार देने पर भी विचार हो रहा है. परिषद के सदस्य सीरिया से खाड़ी विकास परिषद के सदस्य देशों के राजदूतों को वापस बुलाए जाने के बाद उनके साथ भावी कदमों पर चर्चा कर रहे हैं.

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होम्स में हिंसा में नष्ट घरतस्वीर: picture-alliance/dpa

अरब देशों में विचार हो रहा है कि क्या कई विपक्षी गुटों द्वारा गठित राष्ट्रीय परिषद को सीरिया की जनता के वैध प्रतिनिधि के रूप में मान्यता दे दी जाए. रविवार को काहिरा में अरब लीग की बैठक में इस पर फैसला हो सकता है. लीग के महासचिव नबील अल अरबी ने संयुक्त राष्ट्र से पूछा कि क्या वह अपने पर्यवेक्षक सीरिया भेजने को तैयार हैं जो वहां अरब पर्यवेक्षकों के साथ मिल कर काम कर सकें. दिसंबर में शुरू हुआ पर्यवेक्षण मिशन अब तक नागरिकों पर सैनिकों के हमलों को रुकवाने और राजनीतिक बंदियों की रिहाई की निगरानी का लक्ष्य पाने में विफल रहा है.

सैनिक विकल्प के खिलाफ गोर्बाचोव

नोबेल शांति पुरस्कार विजेता और पूर्व सोवियत राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचोव ने सीरिया विवाद में सावधानी की अपील की है. सीरिया में सैनिक हस्तक्षेप को स्वीकार न करते हुए गोर्बाचोव ने कहा, "जिनकी अंगुलियां खुजला रही हैं, उन्हें अपना हाथ धोना चाहिए और शांत रहना चाहिए." गोर्बाचोव ने इस टिप्पणी के साथ राष्ट्रपति पुतिन की विवादास्पद सीरिया नीति का समर्थन किया है.

रूस ने सुरक्षा परिषद में सीरिया के खिलाफ पश्चिमी देशों के समर्थन से लाए गए प्रस्ताव को वीटो कर दिया. रूस का कहना है कि वह किसी ऐसे प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करेगा, जिसमें सैनिक विकल्प को नकारा न गया हो. रूस का कहना है कि वह लीबिया जैसी हिंसक स्थिति को दोहराना नहीं चाहता.

रिपोर्ट: डीपीए/महेश झा

संपादन: ए जमाल

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