जर्मनी: परमाणु बिजलीघर बंद करने का फैसला
६ जून २०११सोमवार को परमाणु कानून संशोधन विधेयक पर विचार करने के लिए जर्मन कैबिनेट की विशेष बैठक हुई. सरकारी सूत्रों के अनुसार विधेयक के मसौदे को पास कर दिया गया. जिन 8 परमाणु बिजलीघरों को बंद किया जाना है उनमें से एक को सर्दियों में बिजली की संभावित कमी का सामना करने के लिए 2013 तक तैयार स्थिति में रखा जाएगा. संघीय ऊर्जा एजेंसी आने वाले सप्ताहों में इस बात का फैसला करेगी कि क्या इस तरह के स्टैंडबाय परमाणु बिजलीघर की जरूरत है.
जर्मनी में इस समय कुल 17 परमाणु बिजलीघर हैं. तुरंत बंद किए जाने वाले 8 परमाणु बिजलीघरों के बाद बाकी बचे 9 बिजलीघरों को 2015 से 2022 तक एक के बाद एक बंद किया जाएगा. 2015 और 2017 में में बायर्न के एक एक बिजलीघर को बंद किया जाएगा. 2019 में बाडेन वुर्टेमबर्ग का एक बिजलीघर बंद होगा जबकि 2021 में लोवर सेक्सनी, स्लेश्विष होलश्टाइन और बायर्न के एक एक बिजलीघर बंद होंगे. 2022 में बाकी परमाणु बिजलीघरों को बंद कर दिया जाएगा.
जापान में सूनामी के बाद फुकुशिमा परमाणु बिजलीघर में हुई दुर्घटना के बाद जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने परमाणु नीति में परिवर्तन करने का फैसला किया. पिछले ही साल मैर्केल की साझा सरकार ने परमाणु बिजलीघरों के लाइसेंस को औसत 12 साल के लिए बढ़ा दिया था. योजना के मुताबिक अंतिम परमाणु बिजलीघर को 2036 में बंद किया जाता.
संशोधित विधेयक को 8 जुलाई तक संसद के दोनों सदनों बुंडेसटाग और बुंडेसराट से अनुमोदन करा लिया जाएगा. बिजली कंपनियां नए कानून का विरोध कर रही हैं और इसके खिलाफ अदालत में जाने की संभावना से इनकार नहीं कर रही हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: ए जमाल