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जर्मनी में महाकीटाणु से दो की मौत

२४ मई २०११

जर्मनी में मंगलवार को ई कोलाई बैक्टीरिया की एक खतरनाक प्रजाति से फैली बीमारी से दो महिलाओं की मौत हो गई. सैंकड़ों लोग ताजा फल और सब्जियों में पाए जाने वाले इस कीटाणु के कारण डायरिया का शिकार हो गए हैं.

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यह है महाकीटाणुतस्वीर: Robert Koch Institut

हनोवर के पास डीपहोल्त्स में 83 साल की महिला की मौत इस इन्फेक्शन से हो गई है. अस्पताल के अधिकारियों के मुताबिक इस महिला को कुछ दिनों पहले अस्पताल लाया गया था. परीक्षणों से पता चला कि उसे ईएचईसी बैक्टीरिया (एंटेरोहेमोरेजिक एशरिशिया कोलाई) का इन्फैक्शन हो गया है जो ई कोलाई का एक खतरनाक प्रकार है. एक और महिला की मौत ब्रेमेन में इसी बैक्टीरिया से हुई है.

EHEC Keime
तस्वीर: dapd

बैक्टीरिया से फैलने वाला यह संक्रमण देश के कई कोनों तक फैल गया है. श्लेसविग होल्श्टाइन राज्य में ही 200 से ज्यादा लोग बीमार हैं. फ्रैंकफर्ट के अस्पतालों ने अब तक कुल 50 मरीजों के बारे में जानकारी दी है जिनमें 10 गंभीर रूप से बीमार हैं. हैम्बर्ग में 40 लोगों का इलाज किया जा रहा है.

जर्मन स्वास्थ्य मंत्री डानियेल बार ने जर्मनी के बीमारी शोध संस्थान रॉबर्ट कोख इंस्टीट्यूट से बीमारी के प्रकोप के बारे में बात की है. हर साल जर्मनी में 800 से 1000 लोग ईएचईसी बैक्टीरिया से होने वाली बीमारी का शिकार होते हैं. इनमें ज्यादातर बच्चे होते हैं. इस साल हो रहे इन्फेक्शन में वयस्क भी शामिल हैं और बीमारी जानलेवा साबित हो रही है. खासकर महिलाओं के लिए यह कीटाणु खासा खतरनाक साबित हो रहा है.

ई कोलाई से होने वाले इस खास संक्रमण से दस्त, गुर्दों में परेशानी और शरीर के अंदर रक्त स्राव हो जाता है. वैज्ञानिकों के मुताबिक दवाइयां भी इस कीटाणु के मामले में असरदार साबित नहीं हो रही हैं. कीटाणु विशेषज्ञ वेर्नर जोलबाख कहते हैं, "इतिहास में पहली बार कोई बीमारी इस स्तर पर फैली है."

विशेषज्ञों का मानना है कि ईएचईसी का फैलाव सब्जियों में डाले जाने वाली खाद की वजह से हुआ है. हालांकि विशेषज्ञ किसी एक पौधे को बीमारी का कारण नहीं मानते. डॉक्टरों ने लोगों से कहा है कि वे सब्जियों को खाने से पहले उन्हें अच्छी तरह धो लें और हो सके तो 60 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर पांच मिनट तक उबालकर ही इसे खाएं.

रिपोर्टः एजेंसियां/एमजी

संपादनः ए कुमार