जर्मनी में सजा दुनिया का सबसे बड़ा आईटी मेला
२ मार्च २०१०लाइना नदी के किनारे बसे ख़ूबसूरत जर्मन शहर हनोवर में हर साल की तरह इस बार भी कंप्यूटर मेला सजा है. दुनिया का सबसे बड़ा कंप्यूटर मेला, सेबिट. लेकिन इस बार शुरुआत ही विवाद से हुई. सेबिट के प्रायोजकों में से एक बिटकॉम के प्रमुख ऑगस्ट विलहेम शीयर ने आरोप लगा दिया कि जर्मन नेता लगातार इंटरनेट की कमियों और बुराइयों का ज़िक्र करते रहते हैं. उन्होंने जर्मनी में अलग इंटरनेट मंत्री की मांग कर दी और कहा कि हाल के दिनों में आईटी उद्योग तेज़ी से बढ़ा है.
हालांकि जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने शीयर की मांग को ठुकरा दिया और अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि आर्थिक मामलों के मंत्री ही इंटरनेट के मामले में अधिकृत व्यक्ति हैं. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में सरकार आईटी के लिए नई रणनीति पेश करेगी. मैर्केल ने कहा, ''इन गर्मियों में सरकार अपनी रणनीति पेश करेगी कि हम अपने मज़बूत कार और केमिकल जैसे परंपरागत उद्योगों के साथ इंफ़ॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की इंडस्ट्री को किस तरह मिला कर चल सकते हैं.''
क़रीब पच्चीस साल पहले कंप्यूटर उद्योग के तेज़ी से बढ़ने के साथ ही 1986 में सेबिट मेले की शुरुआत हुई और 2001 में तो यहां हिस्सा लेने आठ हज़ार से ज़्यादा कंपनियां पहुंची. उस साल लगभग साढ़े आठ लाख लोगों ने सेबिट मेला देखा. लेकिन पिछले साल मेला देखने वाले सिर्फ़ पौने चार लाख लोग थे और इस साल भी सिर्फ़ चार हज़ार कंपनियां सेबिट पहुंची हैं. समझा जाता है कि स्पेन के बार्सिलोना शहर में अलग मोबाइल कांग्रेस, कोलोन में फ़ोटोकीना प्रदर्शनी और बर्लिन के इलेक्ट्रॉनिक शो की वजह से भी सेबिट की अहमियत कम हुई है.
ताइवान कभी सेबिट का प्रमुख हिस्सा हुआ करता था और चार साल पहले वहां की 711 कंपनियां आई थीं. इस बार सिर्फ़ 220 ही आई हैं. जानकार बताते हैं कि चीन हाल के दिनों में आईटी का बड़ा बाज़ार बन कर उभरा है और कई कंपनियां वहीं से कारोबार कर रही हैं.
यूरोपीय संघ का अध्यक्ष देश स्पेन इस बार सेबिट का ख़ास मेहमान है और प्रधानमंत्री ख़ोसे लुई रोड्रिगेज़ ज़पातेरो ने सेबिट मेले का उद्घाटन करते हुए यूरोप में एक डिजीटल बाज़ार की वकालत की.
आकार में तमाम कटौती के बाद भी सेबिट अपनी तरह का पूरी दुनिया का सबसे बड़ा मेला है. हालांकि एसर जर्मनी कंपनी के मुख्य कार्यकारी स्टीफ़न एंगेल कहते हैं कि 2010 का मेला भविष्य तय करेगा. हो सकता है कि यह विश्व स्तर के मेले को बनाए रखने का यह आख़िरी मौक़ा हो.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ ए जमाल
संपादन: ओ सिंह