जलवायु परिवर्तन पर मीडिया की माथापच्ची
२० जून २०१०जर्मनी के विदेश मंत्रालय और जर्मन रेडियो डॉयचे वेले के इस साझा प्रयास में दुनिया भर के पर्यावरण विशेषज्ञ और मीडिया एक्सपर्ट हिस्सा ले रहे हैं. तीन दिनों के फोरम का थीम है, “द हीट इज ऑन.”
जर्मनी के विदेश मंत्री गीडो वेस्टरवेले का कहना है कि बॉन संयुक्त राष्ट्र के जलवायु परिवर्तन विभाग का मुख्य केंद्र है और ऐसे में जलवायु परिवर्तन पर बैठक के लिए यह आदर्श जगह है.
वेस्टरवेले के मुताबिक, “जलवायु परिवर्तन की समस्या उत्तर और दक्षिण दोनों हिस्सों की दुनिया को प्रभावित कर रहा है. लेकिन एशिया, अफ्रीका, लातिन अमेरिका और छोटे द्वीपों वाले देश इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे. राजनीति, रिसर्च, बिजनेस और मीडिया जगत के लोग आपस में मिल कर आम जनता के सहयोग से ही इस वैश्विक सवाल का जवाब दे सकते हैं. मुझे खुशी है कि डॉयचे वेले और जर्मन विदेश मंत्रालय ने इस साल ग्लोबल मीडिया फोरम को जलवायु परिवर्तन के लिए समर्पित किया है.”
मौसम विशेषज्ञों की राय है कि फिलहाल बढ़ते तापमान पर काबू पाना आसान नहीं और आशंका यहां तक जताई जा रही है कि जलवायु परिवर्तन और पानी की किल्लत के बीच दुनिया में बड़ी लड़ाई हो सकती है. ऐसे वक्त में जलवायु परिवर्तन पर एक्सपर्ट और मीडिया की मिली जुली भागीदारी को अहम माना जा रहा है. सभी महाद्वीपों के 100 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधि तीन दिनों के आयोजन में शामिल होंगे.
डॉयचे वेले महानिदेशक एरिक बेटरमन का मानना है कि जलवायु परिवर्तन रोकने में मीडिया की भूमिका कम नहीं. बेटरमन कहते हैं, “मीडिया सीधे तौर पर तो पर्यावरण को प्रभावित नहीं कर सकता. लेकिन अपनी रिपोर्टों में तथ्यों को इस तार्किक तरीके से पेश कर सकता है, जिससे आम लोग, नेता और कारोबारी कदम उठाने पर विचार करें.”
जर्मनी की सबसे बड़ी नदी राइन के किनारे हो रहे सम्मेलन में 50 से ज्यादा प्रायोजक और गैर सरकारी संगठन शामिल होंगे. ग्लोबल मीडिया फोरम 21 से 23 जून तक चलेगा.
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