जल्द खुलेंगे स्विस अकाउंट के राज
२६ जुलाई २०११वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने आश्वासन दिया है कि काले धन पर नियंत्रण के लिए भारत और स्विट्जरलैंड के बीच दोहरे कराधान बचाव समझौते में जो बदलाव लाए गए है उन्हें साल के अंत तक लागू कर दिया जाएगा. लंदन में इंडिया हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए मुखर्जी ने कहा, "हमने पिछले साल अगस्त में ही स्विट्जरलैंड के साथ मौजूदा दोहरे कराधान बचाव समझौते में बदलाव लाने वाले एक मसौदे पर हस्ताक्षर किए थे. उनके कानून और संविधान के अनुसार अंतरराष्ट्रीय समझौतों को संसद के दोनों सदनों और अन्य एजेंसियों से गुजरना पड़ता है. अब संसद के दोनों सदनों से इसे मंजूरी मिल गई है, अन्य एजेंसियां भी साल के अंत तक इसे मंजूरी दे देंगी."
दरअसल 17 जून को स्विस संसद ने समझौते में बदलावों को मंजूरी दी थी. स्विट्जरलैंड में किसी भी संधि को पास करने से पहले जनता को भी समय दिया जाता है कि वो उसके साथ अपना समर्थन दिखा सकें. 17 जून के बाद स्विट्जरलैंड के लोगों को सौ दिन का समय मिला है. यदि वे 6 अक्टूबर तक इस पर कोई आपत्ति नहीं उठाते हैं तो इसे पास कर दिया जाएगा, नहीं तो इस मामले पर जनमत संग्रह कराया जाएगा.
बंद हैं अरबों रुपये
वहीं स्विट्जरलैंड को उम्मीद है कि औपचारिकताएं जल्द ही पूरी कर ली जाएंगी. भारत में स्विट्जरलैंड के राजदूत फिलिप वेल्टी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में कहा, "अक्टूबर तक इस समझौते को पास कर दिया जाएगा, चाहे कोई जनमत संग्रह हो या ना हो. मुझे पूरा विश्वास है कि 6 अक्टूबर तक हम यह कह पाएंगे कि जनमतसंग्रह की कोई जरूरत ही नहीं है और अगर मेरी बात सही निकली तो हम 7 अक्टूबर को भारत सरकार से यह कह पाएंगे कि हम आपको सूचना देने के लिए तैयार हैं."
इस समझौते के अनुसार 1 जनवरी से ही भारत सरकार को स्विस बैंकों में रखे धन की पूरी जानकारी मिल सकेगी. हालांकि स्विस बैंकों की नीति के अनुसार ग्राहकों की जानकारी सार्वजनिक नहीं की जाती, लेकिन ताजा आंकड़ों बताते हैं कि स्विट्जरलैंड के बैंकों में भारत के कुल 2.5 अरब डॉलर यानी 110 अरब रुपयों से अधिक पड़े हैं.
रिपोर्ट: पीटीआई/ ईशा भाटिया
संपादन: आभा एम