जल्द बाहर आएंगे 65 दिन से फंसे मजदूर
९ अक्टूबर २०१०चिली का यह अभियान खनन के इतिहास के सबसे मुश्किल बचाव अभियानों में से एक साबित हुआ है. इंजीनियरों ने 2050 फुट तक खुदाई कर ली है. अब इस गड्ढे में कैप्सूल की शक्ल की एक लिफ्ट उतारी जाएगी जिसके जरिए एक एक कर मजदूरों को बाहर लाया जाएगा. लेकिन इस काम में भी काफी दिन लगने का अंदेशा है.
5 अगस्त को ये 33 मजदूर सोने और तांबे की इस खदान में फंस गए थे. तब से इनके रिश्तेदार और दोस्त भी खदान के बाहर इनके बच जाने की दुआ मांग रहे हैं. खदान में फंसे क्लाउडियो यानेज की पत्नी क्रिस्टीना नुनेज ने कहा, "हम बस किसी अच्छी खबर के इंतजार में खड़े हैं. वह ठीकठाक है और खुद को व्यस्त रखने की कोशिश कर रहा है."
मजदूरों को बाहर निकालने के लिए जो गड्ढा खोदा गया है उसे हेल यानी नरक कहा जाता है. इसी के जरिए मजदूरों को खाना और अन्य चीजें भेजी जा रही हैं. कुछ मजदूरों ने अंदर से पत्र या अपनी निशानियां भी भेजी हैं. देश के खनन मंत्री लॉरेंस गोलबोर्न का कहना है कि एक बार खुदाई पूरी हो जाए फिर मजदूरों को बाहर निकालने में तीन से 10 दिन तक का वक्त लग सकता है.
मजदूरों के खान में फंसने के 17 दिन बाद पता चल पाया था कि वे सभी सुरक्षित हैं. इसके लिए इंजीनियरों ने एक छेद करके उसके जरिए कैमरा अंदर भेजा गया. मजदूरों के सुरक्षित होने की खबर मिलने के बाद उनके लिए खाना और दवाइयां नीचे भेजी गईं. तब से उन्हें बचाने के लिए इंजीनियर इस गड्ढे की खुदाई में लगे हुए थे.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः आभा एम