जहीरुल इस्लाम बने आईएसआई प्रमुख
९ मार्च २०१२आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट अहमद शुजा पाशा ने 2008 में कार्यकाल संभाला था और उन्हें इस साल 18 मार्च को रिटायर होना है. उनकी जगह पर लेफ्टिनेंट इस्लाम का नाम लंबे वक्त से चल रहा था, जो फौजी परिवार से ही आते हैं. वह फिलहाल कराची में आर्मी कमांडर के पद पर तैनात हैं.
आईएसआई प्रमुख बनने के बाद उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती तालिबान को बातचीत की मेज पर लाना होगा. आरोप लगते रहे हैं कि आईएसआई ने ही 1990 के दशक में तालिबान लड़ाकों को तैयार किया, जो अब पाकिस्तान के लिए सिरदर्द बनते जा रहे हैं. अफगानिस्तान में तैनात विदेशी फौज के अलावा वे पाकिस्तान के अंदर भी हमले कर रहे हैं और जानकारों का कहना है कि आईएसआई का उन पर काफी प्रभाव है.
आईएसआई अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए के साथ मिल कर भी काम करती है. हाल के सालों में अल कायदा पर हमले करने में अमेरिकी एजेंसी ने कई बार आईएसआई की मदद ली है. हालांकि पिछले साल जब पाकिस्तान के अंदर अल कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को मार गिराया गया, तब दोनों एजेंसियों ने मिल कर काम नहीं किया था. तब अमेरिकी फौज की खास टुकड़ी ने पाकिस्तान की सीमा में घुस कर बिन लादेन को मार गिराया था.
पाकिस्तान के अंदर आईएसआई को बेहद अहम ताकत समझा जाता है लेकिन इस्लाम के लिए इसकी नीतियों को रातों रात बदलना आसान नहीं होगा. इसकी नीतियां पाकिस्तान की सेना तय करती है और यह काम पाकिस्तानी सरकार के साथ मिल कर किया जाता है.
पाशा के कार्यकाल में आईएसआई पर कई तरह के आरोप लगे. इसी दौरान भारत में आतंकवादी हमला भी हुआ, जिसके लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को भी जिम्मेदार ठहराया गया.
इस्लाम ने आईएसआई के उप प्रमुख के तौर पर दो साल 2008 से 2010 तक काम किया है. इसके अलावा उन्होंने आईएसआई की घरेलू ईकाई की भी जिम्मेदारी निभाई है.
अमेरिका और पाकिस्तान के बिगड़ते रिश्तों के बावजूद अमेरिका ने हाल में दावा किया है कि सीआईए और आईएसआई के रिश्ते ठीक हो रहे हैं.
रिपोर्टः एपी, एएफपी/ए जमाल
संपादनः महेश झा