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जापान के दूसरे परमाणु संयत्र में रिसाव

१० दिसम्बर २०११

जापान के एक दूसरे परमाणु संयंत्र से बड़ी मात्रा में रेडियोधर्मी पानी का रिसाव हुआ है. सरकार के मुताबिक करीब 1.8 टन रेडियोधर्मी पानी कूलिंग सिस्टम से रिसा है. रेडियोधर्मी रिसाव ने बढ़ाई सुरक्षा की चिंता.

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तस्वीर: dapd

जापान के दक्षिणी क्यूशू क्षेत्र के सागा में गेंकाई परमाणु संयंत्र से हुए रिसाव के बारे में शुक्रवार की शाम को जानकारी मिली. अधिकारियों ने बताया है कि फिलहाल इसका पर्यावरण पर कोई असर नहीं होगा क्योंकि रिसाव संयंत्र के दायरे में ही है. जापान में फुकुशिमा के एक नंबर रिएक्टर से हो रही रिसाव पर ही अभी नियंत्रण नहीं हो पाया है कि तब तक यह दूसरी घटना सामने आ गई. जापान के उत्तर पूर्वी हिस्से में इसी साल मार्च में आए भूकंप और सूनामी ने इस संयत्र को नुकसान पहुंचाया था.

Japan Fukushima Tsunami trifft Kraftwerk
फुकुशिमा परमाणु संयंत्रतस्वीर: AP

गेंकाई परमाणु संयत्र के ऑपरेटर क्यूशू इलेक्ट्रिक पावर ने शुक्रवार को बताया कि तीन नंबर रिएक्टर से जुड़ा वाटर पंप को उस वक्त बंद कर दिया गया जब इसके ज्यादा गर्म होने के कारण चेतावनी की घंटी बज गई. हालांकि तब यह नहीं बताया गया गया कि इस दौरान पानी का रिसाव भी हुआ है. पंप के आसपास मौजूद पानी को बाद में परमाणु और उद्योग सुरक्षा एजेंसी के साथ मिल कर इकट्ठा किया गया.

कंपनी पर इस पानी के रिसाव की जानकारी देने की कोई कानूनी बाध्यता नहीं है लेकिन गेंकाई शहर के मेयर ने इस पर चिंता जताई है. मेयर हिदियो किशिमोतो ने स्थानीय मीडिया से कहा, "इसके बारे में पूरी जानकारी दी जानी चाहिए थी." कंपनी के अधिकारियों से फिलहाल इस बारे में कोई बातचीत नहीं हो पाई है. हालांकि अखबारों में उनके हवाले से लिखा गया है कि सुरक्षित ऑपरेशन के दौरान भी पानी का रिसाव हो सकता है.

फुकुशिमा परमाणु संयंत्र को नुकसान और फिर उसके बाद आसपास के इलाकों से हजारों लोगों को उनके घरों से निकाले जाने के बाद के परमाणु संयंत्रों की सुरक्षा का मसला प्रमुख मुद्दा बन गया है. फुकुशिमा के आस पास का बहुत सारा इलाका अब वीरान हो गया है.

मार्च में आई आपदा ने फुकुशिमा संयंत्र के कूलिंग सिस्टम को खराब कर दिया जिसके वजह से इसके रिएक्टर पिघल गए. नतीजा हुआ कि हवा, सागर और भोजन चक्र में विकिरण की मात्रा पहुंच गई. इसे 1986 के चेर्नोबिल हासदे के बाद का सबसे बड़ा हादसा कहा गया है. फुकुशिमा प्लांट के ऑपरेटर ने इसी गुरुवार कहा था कि वो लोग कुछ और रेडियोधर्मी पानी को सागर में डालने पर विचार कर रहे हैं.

रिपोर्टः एएफपी/एन रंजन

संपादनः मानसी गोपालकृष्णन

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