जापान के पानी में विकिरण का स्तर घातक
२७ मार्च २०११टोकियो इलेक्ट्रिक पॉवर कंपनी ने कहा कि फुकुशिमा दायची के नंबर दो रिएक्टर के पानी में रेडियोएक्टिव विकिरण की संख्या घातक स्थिति में पहुंत गई है. टेपको के मुताबिक यह आंकड़ा एक हजार मिलीसीवर्ट प्रति घंटा है. सुरक्षित विकिरण की मात्रा 250 मिलीसीवर्ट प्रति वर्ष बताई गई है. अमेरिका की पर्यावरण सुरक्षा एजेंसी का कहना है कि एक हजार मिलीसीवर्ट की मात्रा रक्त स्राव का कारण बन सकती है.
जापान के परमाणु नियामकों ने कहा है कि पानी में एक करोड़ गुना ज्यादा रेडियोएक्टिव आयोडिन है लेकिन कहा कि यह एक दिन के अंदर के अंदर गायब हो जाएगा.
टेपको के अधिकारी ने कहा कि कर्मचारियों को नंबर दो रिएक्टर से हटा लिया गया है ताकि वह विकिरण से प्रभावित नहीं हों और उनके स्वास्थ्य को कोई खतरा नहीं हो. यह कर्मचारी तीन परमाणु रिएक्टरों में से रेडियोएक्टिव पानी बाहर निकालने की कोशिश कर रहे थे.
पहले भी कई बार रेडियोएक्टिविटी के कारण काम को रोकना पड़ा है. गुरुवार को तीन कर्मचारियों को रिएक्टर के पानी में उतरने के बाद अस्पताल ले जाना पड़ा क्योंकि पानी में रेडियोएक्टिव विकिरण 10 हजार गुना ज्यादा था.
रेडियोएक्टिव विकिरण की घातक मात्रा सिर्फ रिएक्टर के अंदर ही खतरा है. प्लांट के आस पास 30 किलोमीटर के इलाके की हवा में रेडिएशन सामान्य स्तर पर है. अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी आईएईए के प्रमुख युकिया अमानो ने चेतावनी दी है कि कि संकट की स्थिति खत्म होने में कई सप्ताह लग सकते हैं. न्यूयॉर्क टाइम्स से बातचीत में युकिया अमानो ने कहा, "यह एक गंभीर दुर्घटना है और यह संकट अभी खत्म नहीं हुआ है."
फुकुशिमा दायची प्लांट के पास रविवार को रेडिएशन का स्तर सामान्य से 1,850 गुना नापा गया. समुद्र की लहरों के कारण रेडिएशन कम हो जाएगा. मछली और समुद्री वनस्पति तक यह पहुंचेगा तब तक इसकी मात्रा काफी कम हो जाएगी.
11 मार्च को उत्तर पूर्वी जापान में आए भूकंप और सुनामी के कारण जापान को कम से कम 300 अरब अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ. अब तक 27,100 लोगों के मारे जाने या लापता होने की बात कही जा रही है.
जापान के परमाणु संकट ने जर्मनी की राजनीति को भी हिला दिया है. कहा जा रहा है कि चांसलर अंगेला मैर्केल की सीडीयू पार्टी को रविवार को बादेन व्युर्टेम्बर्ग के चुनावों में भारी नुकसान हो सकता है.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम
संपादनः एन रंजन