जापान में रेडियोएक्टिव विकिरण की चेतावनी
१५ मार्च २०११जापान के प्रधानमंत्री नाओतो कान ने मंगलवार को कहा है कि बिजलीघर के निकट विकिरण में बड़ी वृद्धि हुई है और उन्होंने 30 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों से अपने घरों में रहने को कहा है. मंगलवार को बाद में रिएक्टर नंबर 4 में भी एक धमाका हुआ जिसके बाद आग लग गई. प्रधानमंत्री कान ने जापानी टेलीविजन में कहा, "रिएक्टर 4 में आग लग गई है और विकिरण बड़े पैमाने पर बढ़ गई है."
सरकार ने रिएक्टर से 20 से 30 किलोमीटर दूर रहने वाले लोगों से घरों के अंदर रहने को कहा है. सरकारी प्रवक्ता यूकियो इदानो ने कहा, "अब तक जो हुआ है उससे अलग अब कोई संदेह नहीं है कि विकिरण का स्तर मानवीय स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है."
फुकुशिमा परमाणु बिजलीघर चलाने वाली कंपनी टेप्को ने जानकारी दी कि सुबह 6 से सवा 6 बजे के बीच पहले रिएक्टर नंबर 2 में बड़ा धमाका हुआ. यह साफ नहीं था कि क्या इस धमाके में रिएक्टर के सुरक्षा खोल को नुकसान पहुंचा है. सरकार ने पहले सूचना दी कि ऐसा हुआ है लेकिन परमाणु सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि संभवतः ऐसा नहीं हुआ है और सुरक्षा खोल में कोई छेद नहीं है. बाद में कहा गया कि इसकी जांच की जा रही है.
समाचार एजेंसी क्योडो ने खबर दी है कि आग पर काबू पा लिया गया है. रिएक्टर 4 से अब तक कोई समस्या नहीं हो रही थी. उसे भूकंप आने से पहले ही मरम्मत के लिए बंद कर दिया गया था. सरकारी प्रवक्ता के अनुसार रिएक्टर 3 में विकिरण का स्तर 400 मिलीसिएवेर्ट मापा गया है. रिएक्टर 4 के पास उसका स्तर 100 मिलीसिएवेर्ट है. 1000 मिलीसिएवेर्ट से अधिक का स्तर मितली और उल्टी जैसी विकिरण वाली बीमारियों के लक्षण पैदा कर सकता है. 5000 मिलीसिएवेर्ट से अधिक का स्तर हर दूसरे व्यक्ति के लिए एक महीने के अंदर मौत का सबब बन जाएगा.
सुरक्षा खोल को परमाणु छड़ों के गलने से नुकसान हो सकता है क्योंकि उससे पैदा होने वाली भयानक गर्मी सुरक्षा खोल के इस्पात को गला देगी. उसके बाद बड़े पैमाने पर रेडियोधर्मी पदार्थ के बाहर निकलने का खतरा पैदा हो जाएगा. फुकुशिमा से 250 किलोमीटर दूर टोक्यो में विकिरण की मात्रा बढ़ी हुई है लेकिन नगर प्रसासन ने कहा है कि वग स्वास्थ्य के लिए खतरा नहीं है. फिर भी लोगों में धीरे धीरे चिंता बढ़ रही है. यदि हवा का रुख दक्षिण की ओर रहा तो राजधानी टोक्यो और आसपास के इलाके के लिए भी खतरा पैदा हो सकता है जहां साढ़े तीन करोड़ लोग रहते हैं.
भूकंप और उसके कारण आए भयानक सूनामी के बाद से ही तकनीशियन फुकुशिमा परमाणु बिजलीघर में परमाणु छड़ों को गलने से रोकने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं. भूकंप के कारण बिजलीघर का कूलिंग सिस्टम ठप हो गया था. इस बीच पुलिस ने कहा है कि 8.9 की तीव्रता वाले भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़कर 2,414 हो गई है.हजारों लोग अभी भी लापता है, जिनके मलबों के नीचे होने की आशंका है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: ओ सिंह