जापानः दो साल पहले ही मिली चेतावनी
१७ मार्च २०११जापान में बीते शुक्रवार को आए भूकंप और सूनामी में मरने वालों और लापता लोगों की आधिकारिक संख्या 13 हजार से ज्यादा हो गई है. गुरुवार को पुलिस ने कहा कि संख्या अभी और ज्यादा हो सकती है. पुलिस अधिकारियों ने कहा कि 5,178 लोगों के शव मिल चुके हैं जबकि अभी 8606 लोग लापता हैं.
इस बीच ब्रिटिश अखबार डेली टेलीग्राफ ने खुलासा किया है कि आईएईए ने दो साल पहले ही जापान को भूकंप से परमाणु संकट की तबाही की चेतावनी दी थी. अखबार ने लिखा है कि आईएईए के एक विशेषज्ञ ने इस बात पर चिंता जताई थी कि जापान के परमाणु संयंत्र सिर्फ 7.0 तीव्रता का भूकंप झेलने के काबिल हैं. विकीलीक्स ने यह दावा दिसंबर 2008 में भेजे गए एक अमेरिकी राजनयिक केबल के आधार पर किया है.
जी8 की बैठक में हुई बात
इस केबल के मुताबिक 2008 में टोक्यो में जी8 देशों के न्यूकलियर सेफ्टी एंड सिक्योरिटी ग्रुप की बैठक हुई थी. इस बैठक में आईएईए के अधिकारी ने कहा था कि जापान के सुरक्षा निर्देश पुराने पड़ चुके हैं. अखबार के मुताबिक केबल में कहा गया, "आईएईए अधिकारी ने कहा कि जापान के सुरक्षा निर्देशों को पिछले 35 साल में सिर्फ तीन बार संशोधित किया गया है और आईएईए उन पर दोबारा विचार कर रही है."
केबल में कहा गया कि अधिकारी ने हाल ही में आए भूकंपों का हवाला देते हुए कहा कि ये झटके परमाणु संयंत्रों के डिजाइन पर भारी साबित हुए और यह एक गंभीर समस्या है.
नहीं चेता जापान
जापान सरकार ने इस चेतावनी के जवाब में फुकुशिमा में एक आपातकालीन कार्रवाई केंद्र तो बनाया लेकिन डिजाइन में सुधार नहीं किया गया. शायद इसीलिए बीते शुक्रवार को आए भूकंप के बाद जापान अब तक के सबसे बड़े परमाणु संकट से जूझ रहा है.
फुकुशिमा में रिएक्टरों को ठंडा करने का काम गुरुवार को भी जारी है. अब अधिकारी इसके लिए हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल कर रहे हैं. हेलीकॉप्टरों से प्रभावित रिएक्टरों पर पानी की बौछार की जा रही है.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः ए कुमार