जीत और शतक से शुरू की क्लार्क ने कप्तानी
९ अप्रैल २०११90 रन पर तीन विकेट खो चुकी ऑस्ट्रेलियाई टीम मंझधार में थी तभी क्लार्क आए और फिर 111 गेंदों पर उनके बनाए 101 रनों की बदौलत कंगारुओं ने 270 रनों की चुनौती पेश कर दी. इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने बांग्लादेशी बल्लेबाजों को 50 ओवर में 210 रन से आगे नहीं बढ़ने दिया. नतीजा पांच विकेट हाथ में रहने के बावजूद बांग्लादेश की टीम 60 रनों से मैच हार गई.
जीत के बाद उत्साह से भरे क्लार्क ने कहा, "किसी भी वक्त शतक लगाना अच्छा होता है. मेरे लिए आज हम जिस तरह खेले वह ज्यादा संतोष की बात है. मुझे लगता है कि आज हमने बहुत अच्छा वन डे क्रिकेट खेला और इस तरह का नतीजा हासिल करना काफी संतोष देने वाला है."
क्लार्क ने कहा कि उनका लक्ष्य बांग्लादेश में खेले हर मैच को जीतना है. हालांकि उन्होंने माना कि इसके लिए हर क्षेत्र में सुधार करना होगा. इसके साथ ही उन्होंने शनिवार को उनके खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर खुशी जताई.
मेजबान टीम की बल्लेबाजी शुरुआत में ही लड़खड़ा गई. बांग्लादेश के दो खिलाड़ी महज नौ रन के स्कोर पर आउट हो गए। इसके बाद तमीम इकबाल के 62 और कप्तान शाकिब अल हसन के 51 रन बनाने के बावजूद वो कभी भी ऑस्ट्रेलियाई टीम की जीत के लिए खतरे के रूप में नहीं दिखे. शनिवार के मैच में सबकी आंखें बस क्लार्क पर टिकी थीं जिन्होंने ऑस्ट्रेलियाई टीम के कप्तान के रूप में जिम्मेदारी संभाली है. रिकी पोन्टिंग की गैरमौजूदगी में क्लार्क 24 मैचों में कप्तानी कर चुके हैं लेकिन असल रूप से टीम की कमान उनके हाथ में अब आई है. वर्ल्ड कप में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद पोन्टिंग ने कप्तानी छोड़ दी और तब ये जिम्मेदारी क्लार्क को सौंपी गई.
क्लार्क ने कप्तानी संभालते ही करिश्मा दिखाया है. शनिवार को उन्होने मशरफे मोर्तजा के पारी की आखिरी ओवर में छक्का मार कर अपना शतक पूरा किया. हालांकि इसके बाद वह कैच आउट हो गए. पोन्टिंग इस मैच में केवल बल्लेबाज के रूप में खेल रहे हैं. शनिवार को वो दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से रन आउट हो गए. बांग्लादेश की तरफ से मोर्तजा ने 65 रन दे कर 2 विकेट लिए. वर्ल्ड कप में घुटने की चोट के कारण नहीं खेल सके मोर्तजा इसी सीरीज में मैदान पर वापस लौटे हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः उभ