जैक्सन के डॉक्टर को मिली प्रैक्टिस की इजाजत
१५ जून २०१०डॉ कोनराड मरे पर आरोप है कि उन्होंने माइकल जैक्सन को तेज दवाओं की अधिक मात्रा दे दी जिसकी वजह से जैक्सन की मौत हुई. 50 साल के जैक्सन की मौत पिछले साल 25 जून को हुई थी. कैर्लिफोनिया मेडिकल बोर्ड ने ने लॉस एंजिलिस के सुपीरियर कोर्ट में अपील दायर कर कोनराड मरे की मेडिकल प्रैक्टिस पर रोक लगाने की मांग की थी.
जज माइकल पास्टर का कहना है कि उनके पास इस बात के अधिकार नहीं हैं कि वह दूसरे जज के फैसले को बदल सकें. उन्होंने कहा कि न तो वह डॉक्टर कोनराड का मेडिकल लाइसेंस रद्द कर सकते हैं और न ही किसी और तरीके से उन्हें प्रैक्टिस करने से रोक सकते हैं. इससे पहले डॉक्टर की जमानत पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने डॉक्टर मरे को प्रैक्टिस की इजाजत दे दी थी.
हालांकि कोर्ट ने उन्हें मरीजों को प्रोपोफॉल जैसी तेज दवाइयों के इस्तेमाल की सलाह देने से रोक दिया गया. कोनराड के वकील ने दलील दी थी कि कैर्लिफोनिया में डॉक्टर की प्रैक्टिस पर रोक लगाने से नेवाडा और टेक्सास की अदालतों पर भी इसका असर होगा. हो सकता है कि इन दो राज्यों के मे़डिकल बोर्ड भी इस तरह की रोक लगा दें.
मरे के वकील ने यह भी कहा कि प्रैक्टिस पर रोक उनके मुवक्किल को आर्थिक और व्यक्तिगत रूप से बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाएगी. इस केस के कारण मरे पहले ही आर्थिक परेशानी झेल रहे हैं. डॉक्टर मरे ने ही जैक्सन को आखिरी बार जीवित देखा था. उस दौरान माइकल जैक्सन को दी जा रही दवाइयों का नियंत्रण उन्हीं के पास था.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एन रंजन
संपादन: एस गौड़